कोरोना वैक्सीन पर भारत की तैयारियां जोरों पर है। 12 दिसंबर को ही वैक्सीन डिस्ट्रीब्यूशन के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए जा चुके हैं। उधर, डीजीसीआई तीन अलग-अलग कंपनियों की अपनी-अपनी वैक्सीन के इमर्जेंसी यूज की मंजूरी वाले आवेदन पर विचार कर रही है। इस बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि कोरोना वैक्सीन के साइड इफेक्ट की आशंकाओं से इनकार नहीं किया जा सकता है। आइए कोविड-19 महामारी के खिलाफ टीकाकरण अभियान को लेकर भारत की तैयारियों का जायजा लें…इमर्जेंसी यूज की मंजूरी देने से पहले तीन कंपनियों से मांगी गई और जानकारियांभारत बायोटेक, सीरम इंस्टिट्यूट और फाइजर अपनी-अपनी कोरोना वैक्सीन के आपातकालीन उपयोग की मंजूरी का आवेदन दे चुकी हैं। ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DGCI) इन तीनों कंपनियों को यह मंजूरी देने से पहले वैक्सीन से जुड़े और आंकड़े की मांग की है। हालांकि, सरकार का कहना है कि इससे टीकाकरण अभियान शुरू करने में देरी नहीं होगी। उन्होंने बताया कि पुणे की कंपनी जिनोवा बायोफार्मास्युटिकल्स लि. ने अमेरिकी कंपनी एचडीटी के साथ विकसित किए गए कोविड वैक्सीन के पहले और दूसरे चरण के ट्रायल को डीजीसीए से मंजूरी मिल गई है। इस वैक्सीन की बड़ी बात यह है कि इसे किसी सामान्य से फ्रीज में रखा जा सकता है। नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉक्टर वी. के. पॉल ने बताया कि अभी छह देसी कोरोना वैक्सीन का ट्रायल चल रहा है। उन्होंने कहा कि आगे कुछ और वैक्सीन कैंडिडेट्स के ट्रायल की मंजूरी मिल सकती है।
कोविड टीकाकरण के बाद प्रतिकूल प्रभाव की आशंका से इनकार नहींकेंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कोरोना वैक्सीनेशन के बाद उसके प्रतिकूल प्रभावों और घटनाओं के सामने आने के विषय पर चेतावनी देते हुए कहा कि इस तरह के प्रतिकूल प्रभाव मुख्य रूप से टीकाकरण के बाद बच्चों और गर्भवती महिलाओं में देखे गए हैं। ऐसे में कोविड-19 टीकाकरण शुरू करने बाद एक प्रतिकूल घटना की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। भूषण ने अपनी बात रखते हुए अंतर्राष्ट्रीय मामलों का भी हवाला दिया और कहा कि भारत कोविड-19 के लिए टीकाकरण शुरू होने पर प्रतिकूल घटनाओं की संभावनाओं से इनकार नहीं कर सकता। पढ़ें पूरी खबर
कोरोना टीका भंडारण के लिए तैयारियों में जुटा भारतकेंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि कोरोना वायरस के टीके के भंडारण के लिए 29,000 ‘कोल्ड चेन’, 41,000 ‘डीप फ्रीजर’ और 300 ‘सोलर रेफ्रीजरेटर’ सहित अन्य उपकरणों का इस्तेमाल किया जाएगा। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में ‘कोल्ड-चेन’ प्रबंधन के बारे में विवरण पेश किया। उन्होंने कहा कि बिजली और बिना बिजली वाले ‘कोल्ड चेन’ उपकरणों के आकलन आदि के संबंध में केंद्र द्वारा राज्यों को दिशानिर्देश जारी किए गए हैं। भूषण ने कहा, “कुल 29,000 ‘कोल्ड चेन’, 240 ‘वॉक-इन कूलर’, 70 ‘वॉक-इन फ्रीजर’, 45,000 ‘रेफ्रिजरेटर’, 41,000 ‘डीप फ्रीजर’ और 300 ‘सोलर रेफ्रिजरेटर’ इस्तेमाल किए जाएंगे।”
उन्होंने बताया कि ये सभी उपकरण पहले ही राज्यों को वितरित किए जा चुके हैं। इसके साथ ही कुछ अन्य उपकरण भी राज्यों को दिए जा रहे हैं। उन्होंने तैयारियों के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए कहा कि 36 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने राज्य संचालन समितियों और राज्य कार्य बल की बैठकें की हैं वहीं 633 जिलों ने इस संबंध में जिला कार्य बल की बैठकें की हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्यों में 23 मंत्रालयों और विभागों की पहचान की गई है और उन्हें टीकाकरण कार्यक्रम के लिए नियोजन, कार्यान्वयन, जागरूकता सहित विभिन्न भूमिकाएं सौंपी गई हैं। सामूहिक टीकाकरण अभियान के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश जारीकोविड से लड़ने के लिए सरकार ने बड़े पैमाने पर टीकाकरण अभियान चलाने के लिए जरूरी विस्तृत दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। इसमें रोजाना प्रत्येक सत्र में 100 से 200 लोगों का टीकाकरण करने से लेकर, कोई प्रतिकूल असर न हो इसके लिए टीकाकरण के बाद 30 मिनट तक निगरानी करने, लाभार्थियों को ट्रैक करने के लिए कोविड वैक्सीन इंटेलिजेंस नेटवर्क के उपयोग जैसे तमाम निर्देश शामिल हैं। यह वैक्सीन के आपातकालीन उपयोग की अनुमति मिलते ही टीकाकरण अभियान शुरू हो जाएगा। स्वास्थ्य मंत्रालय ने हाल ही में कोविड-19 वैक्सीन के बड़े पैमाने पर टीकाकरण के पहले चरण के लिए 30 करोड़ भारतीय आबादी को चिह्नित किया है। इसमें 1 करोड़ हेल्थकेयर वर्कर्स, 2 करोड़ फ्रंटलाइन वर्कर्स और 27 करोड़ ऐसे आम लोग हैं जो विशेषज्ञ समूह द्वारा तय किए गए प्राथमिकता वाले समूहों में आते हैं। पढ़ें पूरी खबरस्वास्थ्य मंत्रालय सरकार ने कहा, कोविड-19 मामलों में आई कमीकेंद्र सरकार ने मंगलवार को कहा कि देश में कोविड-19 के नए मामलों और संक्रमण से होने वाली मौतों में कमी आई है जो अच्छी खबर है। साथ ही, उसने किसी भी प्रकार की ढिलाई के खिलाफ आगाह किया। सरकार ने चेताया कि देश की आबादी का एक बड़ा हिस्सा अभी भी संक्रमण के प्रति ‘अतिसंवेदनशील’ है और हालात कभी भी बिगड़ सकते हैं। नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉक्टर वी. के. पॉल ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि ऐसे में जबकि पूरी दुनिया में, खास तौर से अमेरिका और यूरोप में, कोविड-19 के मामले और संक्रमण से होने वाली मौतें बढ़ रही हैं, दुनिया में स्थिति चिंताजनक हो गई है। इसके विपरीत भारत में हालात संतोषजनक हैं, संक्रमण के नए मामलों और उससे होने वाली मौतों की संख्या में कमी आ रही है।ढिलाई पर चेतावनीकिसी भी तरह की ढिलाई के प्रति आगाह करते हुए डॉ. पॉल ने कहा, ‘‘मृत्यु दर घट रही है और यह प्रति दिन 400 से कम रह गयी है। नये मामले भी घटकर एक दिन में करीब 22,000 रह गए हैं। ऐसी संख्या हमने जुलाई में देखी थी। इसलिए यह बेहतर स्थिति है। देश के रूप में हम बेहतर कर रहे हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम जीवन रक्षा कर रहे हैं लेकिन याद रखें कि इसे हल्के में ना लें। देश की आबादी का एक बड़ा हिस्सा अभी भी संक्रमण के प्रति ‘अतिसंवेदनशील’ है। हालात कभी भी बिगड़ सकते हैं।’’ पॉल ने कहा कि वैश्विक स्थिति को देखते हुए भारत में दूसरी या तीसरी लहर शुरू हो सकती है। हालांकि, ठोस अनुमान लगा पाना कठिन है। पॉल ने उत्तराखंड, नगालैंड और हिमाचल प्रदेश जैसे राज्यों में कोविड-19 की स्थिति पर चिंता जताई। देश में अब तक 94 लाख से ज्यादा कोरोना केसदेश में 94 लाख से ज्यादा कोरोना केस सामने आ चुके हैं। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा कि देश में कोविड-19 का पता लगाने के लिए अब तक 15.55 करोड़ से ज्यादा नमूनों की जांच की गई है। देश में लोगों के संक्रमित होने की औसत दर घटकर 6.37 रह गई है, वहीं रोजाना की संक्रमण दर पिछले सप्ताह घटकर मात्र 3 प्रतिशत रह गई। भूषण ने कहा, भारत में संक्रमण से होने वाली मौतों की दर भी दुनिया में सबसे कम है। वर्तमान में भारत में मृत्यु दर 1.45 प्रतिशत है जबकि इसकी वैश्विक दर 2.26 है।
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