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1971 युद्ध के दिग्गजों के सम्मान में आधी रात को 180 किमी दौड़े BSF जवान
बीकानेर: राजस्थान में 1971 के युद्ध के दिग्गजों के सम्मान में बीएसएफ के जवानों ने अंतरराष्ट्रीय सीमा पर मध्यरात्रि (13/14 दिसंबर) को 180 किलोमीटर की रिले दौड़ की। इस दौड़ का अनूपगढ़ में 11 घंटे से भी कम समय में पूरा कर शानदार समापन हुआ। इस बैटन रिले दौड़ को बीएसएफ के उप महानिरीक्षक पुष्पेंद्र सिंह राठौड़ ने झंडी दिखाकर रवाना किया था। यह रिले दौड़ रात 12 बजे शुरु की गई थी। यह रैली खाजूवाला क्षेत्र की कावेरी सीमा चौकी से शुई थी और भारत-पाक सीमा पास से होते हुए अनूपगढ़ के एपीजे अब्दुल कलाम स्टेडियम में खत्म हुई। इस दौड़ में बीएसएफ के जवान और अधिकारी उबड़ खाबड़ रास्तों पर भारत-पाक की अंतर्राष्ट्रीय सीमा के साथ-साथ बैटन लेकर दौड़े।
भारत-पाक के बीच 1971 में हुई जंग 3 दिसंबर से 16 दिसंबर तक चली थी। विजय दिवस 16 दिसम्बर को 1971 के युद्ध में पाकिस्तान पर भारत की जीत के कारण मनाया जाता है। इस युद्ध के अंत के बाद 93,000 पाकिस्तानी सेना ने आत्मसमर्पण कर दिया था। साल 1971 के युद्ध में भारत ने पाकिस्तान को करारी शिकस्त दी, जिसके बाद पूर्वी पाकिस्तान आजाद हो गया, जो आज बांग्लादेश के नाम से जाना जाता है। यह युद्ध भारत के लिए ऐतिहासिक और हर देशवासी के दिल में उमंग पैदा करने वाला साबित हुआ।
देश भर में 16 दिसम्बर को ‘विजय दिवस’ के रूप में मनाया जाता है। वर्ष 1971 के युद्ध में करीब 3,900 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे, जबकि 9,851 घायल हो गए थे। पूर्वी पाकिस्तान में पाकिस्तानी बलों के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल एएके नियाजी ने भारत के पूर्वी सैन्य कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल जगजीत सिंह अरोड़ा के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया था, जिसके बाद 17 दिसम्बर को 93,000 पाकिस्तानी सैनिकों को युद्धबंदी बनाया गया।
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