बाड़मेर के दूल्हे ने लौटाया दहेज राजस्थान के बाड़मेर जिले के गांव जालिपा के रहने वाले राजेंद्र सिंह राठौड़ ने वन इंडिया हिंदी से बातचीत में बताया कि 11 दिसम्बर को उनके बेटे हर्षवर्धन सिंह राठौड़ की शादी हुई। शादी में बतौर दहेज 11 लाख रुपए से भरा थाल दिया गया था, जिसे लौटाकर शगुन के तौर पर सिर्फ एक रुपया लिया है। हर्षवर्धन सिंह राठौड़ की सगाई दस जुलाई 2020 को राजस्थान के सिरोही जिले के धानता निवासी समुद्र सिंह देवड़ा की बेटी मिली कंवर से हुई थी। सगाई के समय मिली कंवर के परिवार वाले गाड़ी देना चाहते थे, मगर हर्षवर्धन सिंह राठौड़ के परिवार ने उस वक्त गाड़ी लेने से साफ इनकार कर दिया। हर कोई कर रहा राठौड़ परिवार की सराहना अब 11 दिसम्बर को जब शादी हुई तो उसमें बिना पहले बताए 11 लाख से भरा थाल दूल्हे हर्षवर्धन सिंह राठौड़ को देना चाहा तो इसे भी लेने से इनकार कर दिया गया। एक बारगी तो लोगों को लगा कि शायद दहेज में 11 लाख रुपए कम होंगे। इसलिए लेने से मना किया गया, मगर बाद में पता चला कि हर्षवर्धन सिंह राठौड़ का परिवार दहेज प्रथा के खिलाफ है तो हर कोई उनके परिवार की सराहना करता नहीं थका। हर्षवर्धन सिंह राठौड़ और मिली कंवर की शादी में दोनों तरफ के करीब 80 से 100 लोग मौजूद थे। जब दहेज के रूप में दिए गए 11 लाख रुपए से भरा थाल लौटाया गया तो फेरे करवा रहे पंडित ने सबके सामने इस बात का ऐलान किया और राठौड़ परिवार की दहेज विरोधी सोच की सराहना भी की। दान की थी अस्सी लाख रुपए की जमीन बता दें कि हर्षवर्धन सिंह राठौड़ एसएसबी में एसआई के पद पर गोरखपुर में सेवाएं दे रहे हैं। इनके चचेरे भाई अभिषेक सिंह राठौड़ बीएसएफ में एसआई हैं। उनकी शादी में भी दहेज नहीं लिया गया था। इसके अलावा राजेंद्र सिंह राठौड़ और उनके बड़े भाई हुकुम सिंह राठौड़ ने वर्ष 2016 गांव में राजपूत छात्रावास बनाने के लिए 80 लाख रुपए की अपनी जमीन दान कर दी थी।
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