हाइलाइट्स:दिल्ली में 100, बिहार में 96 डॉक्टरों ने कोरोना संक्रमण से गंवाई जानयूपी में 41, गुजरात में 31 और आंध्र प्रदेश में 26 डॉक्टरों की मौतसरकार से मरने वाले डॉक्टरों के परिवारों के लिए मदद की गुजारिशनई दिल्लीकोरोना की दूसरी लहर में लोगों की जान बचाने में लगे डॉक्टर भी कोरोना संक्रमण की वजह से अपनी जान गंवा रहे हैं। इंडियन मेडिकल असोसिएशन के अनुसार दूसरी लहर में अब तक 420 डॉक्टरों की जान जा चुकी है। इंडियन मेडिकल असोसिएशन ने इस संबंध में आंकड़ा जारी किया है। इसमें बताया गया है कि दूसरी लहर में किस राज्य में कितने-कितने डॉक्टरों की कोरोना संक्रमण की वजह से मौत हुई है। आंकड़ों के अनुसार कोरोना संक्रमण से सबसे अधिक 100 डॉक्टरों की मौत राजधानी दिल्ली में हुई है। इसके बाद बिहार में 96 डॉक्टरों ने कोरोना संक्रमण से अपनी जान गंवाई है।कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज लेने के बाद भी क्यों हुई डॉ केके अग्रवाल की मौत, एक्सपर्ट ने समझायायूपी में 41 डॉक्टर गंवा चुके हैं जानदेश के सबसे अधिक आबादी वाले उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण से 41 डॉक्टरों की मौत हुई है। गुजरात में कोरोना से मरने वाले डॉक्टरों की संख्या 31 है। वहीं, कोरोना का केंद्र बने महाराष्ट्र में दूसरी लहर में संक्रमण से 15 डॉक्टरों के मरने की खबर है। आंध्र प्रदेश में भी 26 डॉक्टर कोरोना संक्रमण का शिकार हुए हैं।कोरोना से महर्षि वाल्मीकि हॉस्पिटल के डॉक्टर के मौतवैक्सीन की दोनों डोज लगवा चुके डॉक्टरों की भी मौतआईएमए का कहना है कि दिल्ली में जिन डॉक्टरों की मौत हुई है, उनमें से कई डॉक्टर ऐसे थे, जो वैक्सीन की पहली या दोनों डोज लगवा चुके थे। हालांकि उनकी संख्या अभी कंफर्म नहीं है। कोविड ड्यूटी कर रहे डॉक्टरों का कहना है कि कोरोना की शुरुआत से लेकर अब तक जान हथेली पर रखकर ड्यूटी कर रहे हैं।Bihar Corona Deaths : सूबे में कोरोना से लगातार दो दिन 100 से अधिक की मौत, देशभर में बिहार के डॉक्टर बने सबसे ज्यादा शिकार- IMAडॉक्टरों के परिवारों की मदद करे सरकारआईएमए का कहना है कि जब डॉक्टर को कोरोना होता है या उसे वेंटिलेटर की जरूरत पड़ती है तो न कोई अस्पताल मदद करता है और न ही सरकार। सरकार को चाहिए कि हेल्थकेयर वर्कर्स के लिए वह आगे आए और बीमार होने या मृत्यु होने पर उनके परिवार की मदद करे। पहली लहर में 747 डॉक्टरों की गई थी जानकोरोना महामारी की पहली लहर के दौरान कुल 747 डॉक्टरों को अपनी जान गंवानी पड़ी थी। आईएमए के आंकड़ों के अनुसार पहली लहर में तमिलनाडु से सबसे अधिक 91 डॉक्टरों की मौत हुई थी। इसके बाद महाराष्ट्र से 81, पश्चिम बंगाल में 71 और आंध्र प्रदेश से 70 डॉक्टर कोरोना संक्रमण का शिकार हुए थे। गुजरात में 62 और मध्यप्रदेश में 22 डॉक्टरों ने महामारी के कारण अपनी जान गंवाई थी।
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