नए कृषि कानूनों के खिलाफ जारी किसान संगठनों के आंदोलन को राजनीतिक दलों से इतर अभिनेताओं, गायकों और खिलाड़ियों का समर्थन मिला है। पंजाब-हरियाणा से आने वाले अधिकतर सिलेब्रिटीज किसान आंदोलन के पक्ष में आवाज उठा चुके हैं। इस आंदोलन में कई रिटायर्ड ब्यूरोक्रेट्स, डॉक्टर्स और सैनिक शामिल हैं जो विभिन्न संगठनों से जुड़े हुए हैं। इस बीच, पंजाब के निलंबित डीआईजी (जेल) लखविंदर सिंह जाखड़ ने किसान आंदोलन के समर्थन में इस्तीफे की पेशकश की है। लखविंदर को भ्रष्टाचार से जुड़े एक मामले में कुछ महीने पहले निलंबित किया गया था।जाखड़ का इस्तीफा मंजूर नहीं हुआ है मगर उन्होंने इच्छा जताई है कि वे किसानों के साथ आंदोलन में शामिल होंगे। किसी आंदोलन के लिए या सरकारी व्यवस्था के विरोध में इस्तीफा देने वाले अधिकारियों की एक लंबी फेहरिस्त रही है। कई अधिकारी तो बेहतर भविष्य के लिए सरकारी नौकरी को ठोकर मार देते हैं तो कुछ राजनीति में उतर जाते हैं। हाल के दिनों में चर्चा में रहे ऐसे ही कुछ अधिकारियों पर एक नजर।’किसान भाइयों’ के साथ खड़े होना चाहते हैं डीआईजी लखविंदर सिंहलखविंदर सिंह ने पंजाब के प्रमुख सचिव (गृह) को इस्तीफे की चिट्ठी भेज दी है। उन्होंने लिखा है, “मैं आपको बताना चाहता हूं कि मैं कृषि कानून के खिलाफ शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे अपने किसान भाइयों के साथ हूं। इसलिए मैं इस्तीफा दे रहा हूं।”नागरिकता कानून में बदलाव पर IPS अब्दुर रहमान ने छोड़ दी थी नौकरीमहाराष्ट्र कैडर के आईपीएस अधिकारी रहे अब्दुर रहमान ने पिछले साल नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के विरोध में इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने प्रस्तावित कानून को ‘संविधान के मूल ढांचे’ के खिलाफ बताते हुए नौकरी छोड़ी थी। इस्तीफे के वक्त मुंबई में तैनात रहे रहमान ने बिल के राज्यसभा से पास होते ही इस्तीफा ट्वीट कर दिया था।IAS शाह फैसल ने नौकरी छोड़ी, फिर बन गए नेता2010 में सिविल सेवा परीक्षा टॉप करके पूरे देश में मशहूर होने वाले जम्मू और कश्मीर के शाह फैसल ने पिछले साल जनवरी में नौकरी छोड़ दी थी। फेसबुक पर अपने इस्तीफे की घोषणा करते हुए उन्होंने इसके पीछे ‘कश्मीर में हो रही हत्याओं’ और ‘केंद्र सरकार के कोई गंभीर प्रयास न करने’ को वजह बताया था। फैसल ने ‘देश के 20 करोड़ मुस्लिमों को हिंदुओं के आगे दोयम दर्ज का नागरिक बनाने की कोशिश’ जैसी बात भी लिखी थी। शाह फैसल पहले भी अपने बयानों की वजह से विवादों में रहे थे। इस्तीफे के बाद शाह फैसल ने राजनीति का रुख किया है।कन्नन गोपीनाथन ने 370 के मुद्दे पर दिया था इस्तीफाआईएएस अधिकारी रहे कन्नन गोपीनाथन 2018 में पूरे देश में तारीफें बटोर रहे थे। केरल में आई बाढ़ के दौरान उनके काम की हर तरफ तारीफ हुई। लेकिन जब केंद्र सरकार ने संविधान के अनुच्छेद 370 में संशोधन का फैसला किया और जम्मू-कश्मीर को मिला विशेष दर्जा खत्म कर दिया तो गोपीनाथन ने विरोध में इस्तीफा दे दिया। वह जम्मू-कश्मीर में लगाए गए प्रतिबंधों की खुलकर मुखालफत कर रहे थे और सरकार के साथ कुछ हफ्तों तक उनका टकराव भी चला।गोपीनाथन के बाद सेंथिल ने भी IAS छोड़ा, अब कांग्रेसीकन्नन गोपीनाथन के इस्तीफे के बाद IAS शशिकांत सेंथिल ने भी जम्मू-कश्मीर के मसले पर इस्तीफा दे दिया था। उन्होंने अपने इस्तीफे में लिखा था, ”मेरे लिए ऐसे समय पर प्रशासनिक अधिकारी के तौर पर काम करते रहना अनैतिक होगा जब हमारे समृद्ध लोकतंत्र के मौलिक आधारभूत स्तंभों से समझौता किया जा रहा है।” बाद में सेंथिल ने कांग्रेस पार्टी का दामन थाम लिया था।
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