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किसान आंदोलन को सपोर्ट करने के नाम पर खालिस्तानियों ने ‘बापू’ की प्रतिमा के साथ की ओछी हरकत
वाशिंगटन. अमेरिका के वाशिंगटन में दिल्ली की सिंघु और टीकरी बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन के समर्थन में किए गए प्रदर्शन में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा की प्रतिमा पर खालिस्तान का तथाकथित झंडा लपेट दिया। ये प्रदर्शन सिख अमेरिकन यूथ संस्था द्वारा आयोजित किया गया था। यहां शनिवार को वाशिंगटन डीसी,मैरीलैंड और वर्जीनिया के अलावा न्यूयॉर्क, न्यू जर्सी, पेंसिल्वेनिया, इंडियाना, ओहियो और नॉर्थ कैरोलिना से सैकड़ों की संख्या में प्रदर्शनकारी एकत्र हुए थे, जिन्होंने भारत में चल रहे किसान आंदोलन के समर्थन भारतीय दूतावास तक कार रैली निकाली।
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शांतिपूर्ण तरीक से शुरू हुआ ये प्रदर्शन कुछ ही क्षणों में खालिस्तानी संगठनों ने हाईजैक कर लिया, जिनके हाथों ने खालिस्तानी झंडे और भारत विरोधी बैनर थे। रैली के दौरान ही खालिस्तानी संगठन से जुड़े कुछ लोग महात्मा गांधी की प्रतिमा पर चढ़ गए औऱ उसपर खालिस्तान के पोस्टर चिपका दिए। इस समूह ने भारत विरोधी और खालिस्तान के समर्थन में नारे भी लगाए।
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भारतीय दूतावास ने एक बयान जारी कर ‘‘प्रदर्शनकारियों के रूप में गुंडागर्दी करने वाले लोगों के इस दुष्ट कृत्य’’ की निंदा की। दूतावास ने कहा कि उसने अमेरिकी कानून प्रवर्तन एजेंसियों के समक्ष इस संबंध में कड़ा विरोध दर्ज कराया है और अपराधियों के खिलाफ जांच एवं कानून के तहत कार्रवाई के लिए अमेरिकी विदेश मंत्रालय के सामने भी यह मामला उठाया है।
जब शनिवार दोपहर को यह सब हुआ, उस समय वाशिंगटन डीसी पुलिस और सीक्रेट सर्विस के कर्मी बड़ी संख्या में वहां मौजूद थे। इसके करीब आधे घंटे बाद खालिस्तानी समर्थकों के एक अन्य समूह ने प्रतिमा के गले में रस्सी की मदद से नरेंद्र मोदी का पोस्टर बांध दिया। इसके एक घंटे से भी अधिक समय बाद सीक्रेट सर्विस का एजेंट प्रतिमा की ओर आता दिखाई दिया और उसने खालिस्तान समर्थकों को स्पष्ट रूप से कहा कि वे कानून का उल्लंघन कर रहे हैं।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 26 जून को एक कार्यकारी आदेश जारी किया था, जिसके अनुसार अमेरिका में सार्वजनिक सम्पत्ति को नुकसान पहुंचाने या किसी स्मारक का अनादर करने पर 10 साल तक की कैद हो सकती है। महात्मा गांधी की इस प्रतिमा का तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहार वाजपेयी ने 16 सितंबर, 2000 को तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन की मौजूदगी में अनावरण किया था। प्रतिमा के अनादर की यह घटना दूसरी बार हुई है। इससे पहले दो और तीन जून की मध्यरात्रि को भी इसी प्रकार की घटना हुई थी।
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