मरीज की लार से हो सकेगी टेस्टिंग अमेरिका में तुलाने यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन के बो निंग समेत कई वैज्ञानिकों की टीम ने CRISPR / Cas12a अणुओं के माध्यम से 12 कोरोना संक्रमित और 6 स्वस्थ्य लोगों का टेस्ट किया। इसके नतीजे शानदार रहे। वैज्ञानिकों ने इस सबसे सटीक माने जाने वाले आरटी-पीसीआर टेस्ट जिनता प्रभावी बताया है। एक्सपर्ट्स ने अपनी रिपोर्ट्स में कहा कि, हम मानते हैं कि यह स्मार्टफोन प्लेटफ़ॉर्म भविष्य में कोरोना टेस्टिंग क्षमता का तेजी से विस्तार करने की क्षमता प्रदान करेगा। संभावित रूप से संपर्क ट्रेसिंग के सत्यापन को आसान बनाएगा। मौजूदा तरीकों कष्टदायक और लंबे हैं फिलहाल किसी व्यक्ति के कोरोना टेस्टिंग के लिए उसकी नाक और गले में स्टिक डालकर सैंपल लिए जाते हैं। वहीं कोरोना टेस्टिंग के सैंपल लेने वालों को पीपीई किट समेत कई तरह के उपकरणों की जरूरत होती है। वैज्ञानिकों का कहना है कि, कोरोना वायरस संक्रमित व्यक्ति की लार में भी उसी समान उपस्थित होता है। उन्होंने कहा कि लार-आधारित कोविड -19 परीक्षण तुलनात्मक रूप से विश्वसनीय लेकिन सरल और सुरक्षित परीक्षण देने में सक्षम है। RT-PCR जितने सटीक नतीजे मिले लार-आधारित परीक्षण के लिए प्लेटफॉर्म विकसित करने के लिए शोधकर्ताओं ने एक प्रोटोटाइप परख चिप का निर्माण किया है। जो लार के नमूने के भीतर वायरल आनुवंशिक सामग्री का बेहतर पता लगाने के लिए CRISPR / Cas12a अणुओं का उपयोग करती है। उन्होंने इस चिप को स्मार्टफोन-आधारित प्रतिदीप्ति माइक्रोस्कोप रीडआउट डिवाइस में कनेक्ट किया है। जो फोटो को कैप्चर कर विश्लेषण करता है कि क्या वायरस थ्रेशोल्ड एकाग्रता से ऊपर मौजूद हैं।
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