हाइलाइट्स:चंद्रसेन सागर और मीना देवी को एक-एक कर पांच बेटियां हुई थीं, लोग मारने लगे थे तानेअब तीन बेटियां आईएएस और आईआरएस, दो बेटियां बन गई हैं इंजिनियरचंद्रसेन सागर ने बताया कि बेटियों के अफसर बनने में कड़ी मेहनत के साथ-साथ उनकी मां मीना देवी का काफी योगदाबरेलीउत्तर प्रदेश के बरेली जिले की फरीदपुर तहसील के अंतर्गत चंद्रसेन सागर और मीना देवी के घर पहली संतान के रूप में बेटी का जन्म हुआ। फिर एक-एक कर पांच बेटियां हुईं। जहां परिवार में इसके बाद खुशी का माहौल था तो लोग 5 बेटियों के जन्म पर ताने मारने लगे। लोगों ने कहा कि क्या अब इन्हें आईएएस बनाओगे। यह बात सच साबित हो गई। चंद्रसेन सागर की पांच में से तीन बेटियों ने यूपीएससी परीक्षा पास की। दो बेटियां आईएएस और तीसरी बेटी आईआरएस अधिकारी है। वहीं बाकी दो बेटियां भी इंजिनियर हैं।चंद्रसेन सागर ने बताया कि बेटियों के अफसर बनने में कड़ी मेहनत के साथ-साथ उनकी मां मीना देवी का काफी योगदान है। उनकी बेटियों की शुरुआती पढ़ाई बरेली के सेंट मारिया कॉलेज से हुई थी। इसके बाद उन्होंने उत्तराखंड, इलाहाबाद और दिल्ली से बाकी की पढ़ाई पूरी की। तीनों बहनों के ने दिल्ली में रहकर यूपीएससी की तैयारी की। चंद्रसेन की पहली बेटी अर्जित सागर ने 2009 में अपने दूसरे प्रयास में यूपीएससी परीक्षा पास की। इसके बाद वह जॉइंट कमिश्नर कस्टम मुंबई में पोस्टेड हो गईं। अर्जित की शादी आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा में हुई है। उनके पति भी आईएएस अफसर हैं। 6 साल बाद वर्ष 2015 में दूसरी बेटी अर्पित को सफलता मिली। वह वर्तमान में वालसाड़ में डीडीओ पर तैनात हैं। वहीं तीसरे और चौथे नंबर की बेटी अश्विनी और अंकिता इंजिनियर हैं। वे अभी मुंबई और नोएडा में प्राइवेट जॉब कर रही हैं।माता-पिता को बेटियों पर गर्व’मामा ने किया सहयोग और…’चंद्रसेना और मीना देवी की सबसे छोटी बेटी आकृति सागर ने 2016 में दूसरे प्रयास में कामयाबी हासिल की। वह वर्तमान में जल बोर्ड की डायरेक्टर के रूप में सेवाएं दे रही हैं। चंद्रसेन की बेटियों ने बताया कि उन्हें यूपीएससी की तैयारी करने की प्रेरणा अपने मामा से मिली। दरअसल, मामा अनिल कुमार वर्ष 1995 बैच के पश्चिम बंगाल काडर के आईपीएस अधिकारी थे। इन बेटियों का ख्वाब था कि वह अपने मामा की तरह बड़ी अफसर बनें। यूपीएससी परीक्षा की तैयारी के दौरान इनके मामा अनिल कुमार ने काफी सहयोग किया।
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