India oi-Kapil Tiwari |
Updated: Saturday, December 12, 2020, 15:43 [IST]
नई दिल्ली। पूरी दुनिया में जिस वक्त कोरोना वायरस का आगमन हुआ था तो सभी देशों ने इसके प्रसार को रोकने के लिए लॉकडाउन की घोषणा की थी। लॉकडाउन पीरियड में पूरी दुनिया के अंदर तमाम आर्थिक गतिविधियां बंद हो गई थीं और इसका सबसे बड़ा फायदा पर्यावरण को पहुंचा था। एक रिपोर्ट के मुताबिक, लॉकडाउन पीरियड में पूरी दुनिया में कार्बन डाइऑक्साइड (Carbon Dioxide) के उत्सर्जन में 7 फीसदी की कमी आई थी और ये अभी तक की सबसे गिरावट है। पिछले साल के मुकाबले कम है आंकड़ा कार्बड डाइऑक्साइड के उत्सर्जन पर नजर रखने वाले दर्जनों अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिकों के एक ग्रुप ‘ग्लोबल कार्बन प्रोजेक्ट’ ने अपनी स्टडी में ये दावा किया है कि 2020 में पूरी दुनिया में 34 अरब मैट्रिक टन कार्बन डाइऑक्साइड का हवा में उत्सर्जन होगा। यह आंकड़ा 2019 की तुलना में कम है। 2019 में 36.4 अरब मैट्रिक टन कार्बन डाइऑक्साइड का हवा उत्सर्जन हुआ था। फिर से उत्सर्जन में आएगा उछाल! वैज्ञानिकों ने साफ तौर पर इस बदलाव की वजह लॉकडाउन को बताया है। वैज्ञानिकों का कहना है कि यह गिरावट मुख्य रूप से इसलिए की गई, क्योंकि पूरी दुनिया लॉकडाउन में घरों के अंदर रहने को मजबूर थी। वहीं वैज्ञानिकों का ये भी कहना है कि अब जब पूरी दुनिया में आर्थिक गतिविधियां शुरू हो गई हैं तो कार्बन डाइऑक्साइड के उत्सर्जन में फिर से उछाल आ सकता है।
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