हाइलाइट्स:प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसान का हाथ थामकर बताई कृषि कानून की पूरी हकीकतक्या है कृषि कानून से जुड़ा सच, क्या फैलाया जा रहा है झूठ, पॉइंट्स के जरिए जानेंकिसानों तक अपनी बात पहुंचाने के लिए विज्ञापनों का सहारा ले रही है मोदी सरकारनई दिल्लीकृषि सुधार कानूनों के विरोध में दिल्ली सीमा पर आधे महीने से डटे किसानों को मनाने के लिए सरकार लगातार हर जुगत लगा रही है। किसानों के साथ कई दौर की बातचीत हो चुकी है, लेकिन कानून वापसी पर अड़े किसान संशोधन पर मानने को तैयार नहीं हैं। किसानों तक अपनी बात पहुंचाने के लिए सरकार की तरफ से अब विज्ञापन का सहारा भी लिया जा रहा है।सरकार को समझाने की इसी कोशिश के तहत कृषि मंत्रालय ने एक देश के प्रमुख अखबारों में विज्ञापन निकाला है, इसमें पीएम मोदी किसान का हाथ थामे हुए हैं। इसमें कृषि काननू के फायदे समझाए गए हैं।किसान नहीं लेफ्टिस्टों और माओवादी के हाथों में चला गया है आंदोलन: पीयूष गोयलसच और झूठ की लिस्ट भी दे दी गईइसके साथ ही सरकार की तरफ से कृषि कानूनों पर सच और झूठ की लिस्ट भी दे दी गई है। कृषि मंत्रालय के इस ऐड में सरकार ने अपनी इस बात को दोहराया है एमएसपी को खत्म नहीं किया जाएगा। जानिए कृषि कानूनों पर सरकार ने दी है क्या क्या सफाई…इन पॉइंट्स में जानें हकीकतकिसान आंदोलन के बीच सरकार ने खरीदा पिछले साल से 22% ज्यादा धानइस बीच केंद्र सरकार ने बताया है कि मौजूदा खरीफ विपणन सत्र में अब तक न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर धान की खरीद पिछले साल की इसी अवधि के मुकाबले 22.5 प्रतिशत बढ़कर 368.7 लाख टन तक पहुंच गई है। यह खरीद 69,612 करोड़ रुपये में की गई। आधिकारिक बयान में कहा गया है कि अक्टूबर 2020 से शुरू हुये मौजूदा खरीफ विपणन सत्र 2020- 21 में सरकार लगातार न्यूनतम समर्थन मूल्य पर किसानों से खरीफ फसलों की खरीदारी कर रही है।इसमें कहा गया है कि पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, उत्तराखंड, तमिलनाडु, चंडीगढ़, जम्मू कश्मीर, केरल, गुजरात, आंध्र प्रदेश, ओडीशा, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और बिहार में 2020-21 खरीफ सत्र की सरकारी खरीद लगातार सुनियोजित ढंग से चल रही है। भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) और राज्यों की अन्य एजेंसियों ने 10 दिसंबर 2020 तक 368.7 लाख टन धान की खरीद कर ली है, जबकि इसी अवधि तक पिछले साल 300.97 लाख टन धान की खरीद की गई थी।किसानों को पीएम मोदी ने बताया सच और झूठ
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