डिजिटल डेस्क, रायपुर। नक्सलियों ने बीजापुर में हमले के बाद अगवा किए गए केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के कोबरा कमांडो राकेश्वर सिंह को रिहा कर दिया है। राकेश्वर की रिहाई के बाद उनके परिवार में एक बार फिर खुशी लौट आई है। उनकी पत्नी और मां ने पुलिस और नक्सलियों का धन्यवाद दिया है। अधिकारिक सूत्रों ने बताया कि राकेश्वर सिंह जंगल के रास्ते वापस लौटे हैं। उनके वापस आने पर उन्हें बीजापुर सीआरपीएफ कैंप ले जाया गया।जानकारी के अनुसार राकेश्वर अभी तर्रेम में 168वीं बटालियन के कैंप में है। वहां उनका मेडिकल चेकअप किया जा रहा है। फिलहाल में उन्हें कब और किसके साथ रिहा किया गया इसकी कोई जानकारी सामने नहीं आई है। बता दें कि 3 अप्रैल को जोनागुड़ा में जवानों और नक्सलियों की मुठभेड़ के दौरान CRPF जवान राकेश्वर सिंह का नक्सलियों ने अपहरण कर लिया था। नक्सलियों के इस हमले में 23 जवान शहीद हो गए थे।राकेश्वर सिंह मनहास के रिहा होने के बाद उन्हें बासागुड़ा ले जाया जाना है। सीआरपीएफ के डीजी ने मनहास के उनके पास पहुंचने की पुष्टि की है। टेकलगुडेम मुठभेड़ के बाद नक्सलवादियों ने कोबरा 210वीं वाहिनी के जवान राकेश्वर सिंह मनहास का अपहरण कर लिया था। राकेश्वर सिंह मनहास का मेडिकल किया गया। CRPF के फील्ड अस्पताल के उन्हें कमजोरी और डिहाइड्रेशन का सामान्य उपचार दिया जा रहा है।जवान के परिवार में खुशी की लहरजम्मू में जवान राकेश्वर सिंह की रिहाई की खबर के बाद उनके परिवार में खुशी की लहर है। उनकी पत्नी मीनू ने कहा कि उन्हें पति की सुरक्षित वापसी की आधिकारिक सूचना मिल गई है। उनका स्वास्थ्य ठीक है। उनकी फोन पर बातचीत हुई है तो उन्होंने बस ब्लडप्रेशर की शिकायत की है। मीनू ने कहा कि आज मेरी जिंदगी का सबसे खुशी भरा दिन है। मुझे उनके लौटने का पूरा भरोसा था। इसके लिए सरकार का धन्यवाद। वहीं उनकी मां कुंती देवी ने कहा कि हम बहुत ज्यादा खुश हैं। जो हमारे बेटे को छोड़ रहे हैं, उनका भी धन्यवाद करती हूं। भगवान का भी धन्यवाद करती हूं। जब सरकार की बात हो रही थी तो मुझे थोड़ा भरोसा तो था, परन्तु विश्वास नहीं हो रहा था।सरकार ने गठित की थी मध्यस्थता टीमकोबरा जवान राकेश्वर सिंह मनहास को छुड़ाने के लिए मध्यस्थता टीम गठित की थी। इसमें पद्मश्री धर्मपाल सैनी, गोंडवाना समाज के अध्यक्ष तेलम बोरैया शामिल थे। सैकड़ों गांववालों की मौजूदगी में राकेश्वर सिंह मनहास को रिहा किया गया।पत्रकार भी रिहा कराएजवान की रिहाई के लिए मध्यस्थता कराने गयी दो सदस्यीय टीम ने बस्तर के 7 पत्रकारों को भी नक्सलियों के कब्जे से छुड़ा लिया है। नक्सलियों के बुलावे पर जवान को रिहा कराने बस्तर के बीहड़ में वार्ता दल समेत कुल 11 सदस्यीय टीम पहुंची थी।बघेल का रिहाई अभियान में लगे लोगों को आभारछत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जवान के रिहा होने पर प्रसन्नता व्यक्त की है। उन्होंने रिहाई अभियान से जुड़े लोगों का आभार व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री ने जवान की रिहाई के अभियान में सहयोगी बने धर्मपाल सैनी, अन्य सामाजिक संस्थाओ के प्रतिनिधियों और स्थानीय पत्रकारों का आभार व्यक्त किया।
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