Image Source : Press24 News
Chanakya Niti-चाणक्य नीति
आचार्य चाणक्य की नीतियां और अनुमोल वचनों को जिसने जिंदगी में उतारा वो खुशहाल जीवन जी रहा है। अगर आप भी अपने जीवन में सुख चाहते हैं तो इन वचनों और नीतियों को जीवन में ऐसे उतारिए जैसे पानी के साथ चीनी घुल जाती है। चीनी जिस तरह पानी में घुलकर पानी को मीठा बना देती है उसी तरह से विचार आपके जीवन को आनंदित कर देंगे। आचार्य चाणक्य के इन अनुमोल विचारों में से आज हम एक विचार का विश्लेषण करेंगे। आज का ये विचार डॉग से मनुष्य को किन गुणों को सीखना चाहिए इस पर आधारित है।
‘अधिक भूखा होने पर भी थोड़े से संतोष कर लेना, गहरी नींद में होने पर भी सतर्क रहना, स्वामिभक्त होना और वीरता- डॉग से ये 3 गुण जरूर सीख लेना चाहिए।’ आचार्य चाणक्य
आचार्य चाणक्य के इस कथन का अर्थ है कि मनुष्य को किसी से भी गुण सीखने में संकोच नहीं करना चाहिए। जानवरों में सबसे ज्यादा समझदार जिस जानवर को माना जाता है वो है डॉग। डॉग में कुछ ऐसे गुण होते हैं जिन्हें मनुष्य को अपने अंदर जरूर समाहित करना चाहिए। पहला गुण- भूख होने पर भी थोड़े सा खाकर ही संतोष कर लेना। यानी कि भूख एक ऐसी चीज होती है जो तभी पूरी होती है जब इंसान पेटभरकर खाना खा लेता है। कई बार ऐसा होता है कि मनुष्य को खाना तो खा लेता है फिर भी उसकी भूख शांत नहीं होती है। उसे और चीजें खाने का मन करता है। ऐसे में मनुष्य को ये गुण डॉग से सीखना चाहिए कि कैसे वो कम खाना खाकर भी संतोष कर लेता है।
इस तरह के स्वभाव वाले व्यक्ति कभी भी किसी को नहीं देते धोखा, फिर बात चाहे कोई भी हो
दूसरा गुण- गहरी नींद में भी सतर्क रहना। नींद एक ऐसी चीज है कि जब तक मनुष्य जी भर के ना सो ले वो दिन भर आलस महसूस करता रहता है। ऐसे में आचार्य का कहना है कि मनुष्य को ये गुण भी डॉग से सीखना चाहिए। जिस तरह डॉग कितनी गहरी नींद में भी क्यों ना हो लेकिन वो हमेशा सतर्क होकर सोता है। यानी कि जरा सी खटपट की आवाज से ही वो तुरंत जग जाता है। मनुष्य को भी इसी तरह सोना चाहिए। ऐसा करके वो किसी भी अप्रिय घटना को होने से रोक सकता है।
तीसरा गुण- स्वामिभक्त होना। आचार्य चाणक्य का कहना है कि मनुष्य को वफादारी का ये गुण भी जानवर से ही सीखना चाहिए। जानवर इतना वफादार होता है कि वो अपनी जान की बाजी भी लगा सकता है। ठीक इसी तरह मनुष्य को भी वफादार यानी कि ईमानदार होना चाहिए।
चौथा गुण- वीरता। डॉग से ज्यादा बहादुर कोई जानवर नहीं होता। मनुष्य को ये गुण भी डॉग से ही सीखना चाहिए। जब भी कोई घर चोर घुस आए तो डॉग बिना डरे उसका मुकाबला करने के लिए तैयार हो जाता है। इसी तरह से मनुष्य को किसी भी परिस्थिति का सामना बिना डरे करना चाहिए।
Disclaimer: This post has been auto-published from an agency/news feed without any modifications to the text and has not been reviewed by an editor.
Source link