डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मिनिस्ट्री ऑफ एक्सटर्नल अफेयर्स (MEA) के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने भारत और चीन की सेनाओं के पैंगोंग झील क्षेत्र में डिसएंगेजमेंट को एक महत्वपूर्ण कदम बताया है। उन्होंने कहा, इस डिसएंगेजमेंट ने पश्चिमी क्षेत्र में LAC के साथ अन्य बचे मुद्दों के समाधान के लिए एक अच्छा आधार प्रदान किया है। श्रीवास्तव ने कहा, दोनों पक्षों ने बचे हुए मुद्दों पर वरिष्ठ कमांडरों की अंतिम बैठक में विचारों का विस्तृत आदान-प्रदान किया। मौजूदा स्थिति को बढ़ाना किसी भी पक्ष के हित में नहीं था। दोनों मिनिस्टर संपर्क में बने रहने और हॉटलाइन स्थापित करने के लिए सहमत हुए। उन्होंने कहा, यह हमारी उम्मीद है कि चीनी पक्ष डब्ल्यूएमसीसी और वरिष्ठ कमांडर की बैठकों के माध्यम से हमारे साथ काम करेगा। ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि शेष क्षेत्र में डिसएंगेजमेंट जल्द से जल्द पूरा हो। श्रीवास्तव ने कहा, यह दोनों पक्षों को पूर्वी लद्दाख में फोर्सेज के डिएस्केलेशन पर विचार करने की अनुमति देगा। क्योंकि इससे ही शांति की बहाली होगी और द्विपक्षीय संबंधों में प्रगति के लिए परिस्थितियां बनेंगी।दोनों देशों के बीच मई 2020 से तनावभारत-चीन के बीच पिछले साल मई से तनाव है। 15 जून को दोनों देशों का तनाव चरम पर जा पहुंचा था।भारतीय इलाके में घुसी चीनी सेना को रोकने की कोशिश में गलवान घाटी में हिंसक संघर्ष हो गया था।अगस्त-सितंबर में भी 45 साल बाद भारत-चीन सीमा पर गोलियां चलीं।इसके बावजूद भारत ने चीन के साथ डिप्लोमैटिक और मिलिट्री लेवल की बातचीत जारी रखी।9 दौर की बातचीत के दौरान डिसएंगेजमेंट को लेकर खबरें आती रहीं, लेकिन बीते दिनों पहली बार रक्षा मंत्री ने संसद में इस बारे में खुलकर बताया।बीते दिनों पूर्वी लद्दाख की पैंगॉन्ग लेक से चीनी आर्मी भारतीय क्षेत्र को छोड़कर पीछे हटी है।क्या था डिसएंगेजमेंट के समझौतों की बड़ी बाते:दोनों देशों की जो टुकड़ियां, अब तक एक-दूसरे के बेहद करीब तैनात थीं, वहां से पीछे हटेंगी।चीन अपनी टुकड़ियों को पैंगॉन्ग लेक के नॉर्थ बैंक में फिंगर-8 के पूर्व की तरफ रखेगा।भारत अपनी टुकड़ियों को फिंगर-3 के पास परमनेंट थनसिंह थापा पोस्ट पर रखेगा।लेक के नॉर्थ बैंक की तरह साउथ बैंक में भी डिसएंगेजमेंट होगा। अप्रैल 2020 से दोनों देशों ने पैंगॉन्ग लेक के नॉर्थ और साउथ बैंक पर जो भी कंस्ट्रक्शन किए हैं, उन्हें हटाया जाएगा और पहले की स्थिति कायम की जाएगी।
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