International oi-Ankur Kumar |
Published: Sunday, February 28, 2021, 21:25 [IST]
नई दिल्ली। अमेरिका दुनिया का सबसे ताकतवर और सबसे एडवांस देश माना जाता है। लेकिन कोरोना ने सबसे ज्यादा तबाही भी इसी देश में मचाई है। इतना ही नहीं इस वायरस ने अमेरिकी इकोनॉमी को भी चरमरा दिया है जबकि यहां कि इकोनॉमी भारत के मुकाबले 7 गुना बड़ी है। या ऐसे कहें कि ये दुनिया का सबसे बड़ा इकोनॉमी है। एक रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका की अर्थ व्यवस्था पर 29 ट्रिलियन डॉलर (29 लाख करोड़ डॉलर) पर कर्ज है। अमेरिका ने भारत से भी 216 अरब डॉलर (करीब 15 लाख करोड़ रुपए) का कर्ज लिया है। 2020 में अमेरिका पर नेशनल डेट 23.4 ट्रिलियन डॉलर था। इस हिसाब से हर अमेरिकी पर 72309 डॉलर (52 लाख से ज्यादा) का कर्ज था। इस रिपोर्ट के बाद हर अमेरिकी पर इस समय करीब 84000 डॉलर (60 लाख रुपए से ज्यादा) का कर्ज है। अमेरिकी सांसद एलेक्स मूनी ने कहा, ”हमारा कर्ज बढ़कर 29000 अरब डॉलर तक पहुंचने जा रहा है। इसका मतलब है कि हर व्यक्ति पर कर्ज का भार और अधिक बढ़ रहा है। कर्ज के बारे में सूचनाएं बहुत भ्रामक हैं कि यह जा कहां रहा है। जो दो देश-चीन और जापान हमारे सबसे बड़े कर्जदाता हैं, वे वास्तव में वे हमारे दोस्त नहीं हैं।’ अमेरिकी प्रतिनिधि सभा में बाइडेन सरकार के करीब दो हजार अरब डॉलर के प्रोत्साहन पैकेज का विरोध करते हुए वेस्ट वर्जीनिया का प्रातिनिधित्व करने वाले सांसद मूनी ने कहा, ‘चीन के साथ वैश्विक स्तर पर हमारी प्रतिस्पर्धा है। उनका हमारे ऊपर बहुत बड़ा कर्ज चढ़ा हुआ है। चीन का हम पर 1000 अरब डॉलर से अधिक का कर्ज बकाया है। हम जापान के भी 1000 अरब डॉलर से अधिक के बकायेदार हैं।’ वित्त वर्ष 2021-22 के लिए भारत लेगा 12 लाख करोड़ का कर्ज अब बात अगर भारत की करें तो सरकार ने इस बजट में वित्त वर्ष 2021-22 के लिए 12 लाख करोड़ का कर्ज मार्केट से लेने का फैसला किया है। अभी भारत सरकार पर कुल कर्ज 147 लाख करोड़ रुपए का है। नया कर्ज के ऐलान के बाद से ये भार 159 लाख करोड़ का हो जाता है। चालू वित्त वर्ष में इकोनॉमी में 7.3 फीसदी की गिरावट का अनुमान रखा गया है। महाराष्ट्र के पुणे में पीएचडी छात्र की गला रेतकर हत्या, सिर पर किया गया पत्थरों से हमला
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