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Updated: Thursday, February 25, 2021, 15:37 [IST]
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने सोशल मीडिया कंपनियों, ओटीटी प्लेटफार्म, इंटरनेट आधारित बिजनेस और डिजिटल न्यूज आउटलेट्स को लेकर नए नियम तय कर दिए हैं। केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा कि भारत में बिजनेस करने के लिए सभी सोशल मीडिया कंपनियों का स्वागत है, लेकिन सोशल मीडिया के दुरुपयोग पर जवाबदेही तय होना भी जरूरी है और इसके लिए सरकार ने नियमों का एक मसौदा तैयार किया है। नए नियमों के तहत सोशल मीडिया कंपनी जैसे- फेसबुक और ट्विटर को विवादित कंटेंट को किसी सरकारी या कानूनी आदेश मिलने के बाद अपने प्लेटफॉर्म से जल्द से जल्द (36 घंटे से पहले) हटाना अनिवार्य होगा। नए मसौदे के मुताबिक, किसी विवादित कंटेंट को लेकर अगर शिकायत दर्ज होती है, तो संबंधित जांच अधिकारियों के सहयोग के लिए इन कंपनियों को 72 घंटों के भीतर सभी जरूरी जानकारी देनी होगी। इसके अलावा अगर सोशल मीडिया पर कोई पोस्ट किसी व्यक्ति को सेक्सुअल एक्ट में दर्शाती है, तो कंपनियों को शिकायत मिलने के एक दिन के भीतर ऐसी पोस्ट को हटाना होगा। नहीं होगी संसद के हस्तक्षेप की जरूरत आपको बता दें कि हाल ही में किसान आंदोलन के दौरान कुछ विवादित कंटेंट हटाने को लेकर सरकार और ट्विटर के बीच विवाद देखने को मिला था, जिसके बाद सरकार ने नियमों का यह मसौदा तैयार किया है। सरकार की तरफ से तय किए गए नए नियम, ‘आईटी नियम-2011’ की जगह लेंगे। सरकार से जुड़े सूत्रों ने बताया कि यह बदलाव केवल आईटी नियमों में किया गया है, नाकि आईटी अधिनियम में, इसलिए इसमें संसद के हस्तक्षेप की जरूरत नहीं होगी। नियुक्त करने होंगे ये अधिकारी मसौदे के मुताबिक, नए नियम जारी होने के तीन महीने के भीतर सोशल मीडिया कंपनियों को एक मुख्य अनुपालन अधिकारी, कानूनों के पालन को लेकर एक कार्यकारी अधिकारी और एक शिकायत निवारण अधिकारी को नियुक्त करना अनिवार्य होगा। ये सभी अधिकारी भारत के नागरिक होने चाहिए। मामले पर निगरानी के लिए बनेगी समिति इस मामले पर एक निगरानी समिति बनेगी, जिसमें रक्षा मंत्रालय, विदेश मंत्रालय, गृह मंत्रालय, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय, कानून मंत्रालय, सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, और महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के प्रतिनिधि शामिल होंगे। इस समिति के पास किसी भी मामले में नियमों के उल्लंघन पर स्वत: संज्ञान लेने के अधिकार होंगे। यह समिति ऐसे मामले में चेतावनी दे सकती है, सेंसर कर सकती और माफी की मांग भी कर सकती है। डिजिटल और ऑनलाइन मीडिया पर भी लागू होंगे नियम मसौदे के तहत, ये नियम अन्य डिजिटल और ऑनलाइन मीडिया पर भी लागू होंगे। किसी भी प्रकाशक को कोई भी सामग्री प्रकाशित करते समय भारत की बहु-नस्लीय और बहु-धार्मिकता, विश्वास, प्रथाओं और विचारों को लेकर सावधानी बरतनी होगी। इसके अलावा वेब बेस्ट सीरियल और फिल्म आदि की सामग्री के निर्धारण के लिए नए मसौदे में एक ‘वर्गीकरण रेटिंग’ भी तय की गई है। ये भी पढ़ें- ऑस्ट्रेलिया ने पारित किया लैंडमार्क कानून, अब FB और Google को न्यूज के लिए देने होंगे पैसे
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