Photo:Press24 News Mutual Funds
नयी दिल्ली। निवेशकों का म्यूचुअल फंड की योजनाओं से पैसे निकलनने का सिलसिला जारी है। निवेशकों ने नवंबर महीने में मुनाफावसूली करते हुए इक्विटी योजनाओं से 30,760 करोड़ रुपये की निकासी की। विशेषज्ञों का मानना है कि बाजार में जबतक सुधार नहीं आता, निकासी की प्रवृत्ति बनी रहेगी। बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के आंकड़ों के अनुसार इसके साथ म्यूचुअल फंड से शुद्ध रूप से निकासी चालू वर्ष 2020 में जनवरी से नवंबर के दौरान 28,000 करोड़ रुपये पर पहुंच गयी है। पिछले कुछ महीनों से म्यूचुअल फंड से निकासी के बावजूद एफपीआई (विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों) का पूंजी प्रवाह जारी रहने से बाजार में तेजी बनी हुई है। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने चालू वर्ष में जनवरी से नवंबर के दौरान 1.08 लाख करोड़ रुपये की पूंजी डाली। प्राइम इनवेस्टर डॉट इन की सह-संस्थापक विद्या बाला ने कहा, ‘‘बाजार के नई ऊंचाई पर पहुंचने और निफ्टी पीई (निजी इक्विटी) मूल्यांकन 36 गुना बढ़ने के साथ मुनाफावसूली हो रही है।’’
उन्होंने कहा कि सकल प्रवाह में तेजी नहीं आयी है। इसका कारण कोविड-19 के कारण लोगों की आय पर असर पड़ा है और वह अबतक सामान्य नहीं हुआ है। रैंक म्यूचुअल फंड के प्रमुख ओमकेश्वर सिंह ने भी कहा कि नवंबर में काफी तेजी आयी और बाजार रिकॉर्ड ऊंचाई पर भी पहुंचा। इससे कई निवेशकों ने मुनाफवसूली की और यही बात ताजा आंकड़े से पता चलती है।’’
आंकड़े के अनुसार म्यूचुअल फंड ने नवंबर में इक्विटी योजनाओं से 30,760 करोड़ रुपये की निकासी की। इससे जून से नंवबर तक पूंजी निकासी 68,400 करोड़ रुपये पहुंच गयी। म्यूचुअल फंड से अक्टूबर में 14,492 करोड़ रुपये, सितंबर में 4,134 करोड़ रुपये, अगस्त में 9,213 करोड़ रुपये, जुलाई में 9,195 करोड़ रुपये और जून में 612 करोड़ रुपये निकाले गये थे। हालांकि निवेशकों ने जनवरी-मई के दौरान 40,200 करोड़ रुपये का निवेश किया। इसमें से 30,285 करोड़ रुपये मार्च में डाले गए थे।
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