नई दिल्लीकिसान यूनियनों के निकाय संयुक्त किसान मोर्चा (Sanyukt Kisan Morcha) ने रविवार को दावा किया कि गणतंत्र दिवस के दिन ट्रैक्टर परेड (Tractor Parade) के दौरान हुई हिंसा के बाद से सौ से अधिक लोग लापता (100 Farmers missing after parade) हैं और उसने इस मामले की जांच के लिए छह सदस्यीय समिति का गठन किया है। एक बयान के अनुसार संयुक्त किसान मोर्चा लापता लोगों की जानकारी एकत्रित करेगा और मामले को औपचारिक कार्रवाई के लिए अधिकारियों के समक्ष उठाया जाएगा। उसने कहा कि लापता लोगों के बारे में कोई भी जानकारी 8198022033 फोन नंबर पर साझा की जा सकती है। तीन नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर 26 जनवरी को हुई किसान यूनियनों की ट्रैक्टर परेड (Delhi Tractor Parade) के दौरान हजारों प्रदर्शनकारी अवरोधकों को तोड़कर पुलिस से भिड़ गए थे। इस दौरान कई वाहनों को पलट दिया गया था और ऐतिहासिक लालकिले की प्राचीर पर धार्मिक झंडा (Flag on Red Fort) लगाया गया था। इस दौरान कई जगहों पर झड़प हुई थी, जो देखते ही देखते हिंसा में तब्दील हो गई। संयुक्त किसान मोर्चा ने पत्रकारों एवं अन्य की गिरफ्तारी की निंदा की। मोर्चे ने दावा किया कि ये आरोप झूठे और मनगढ़ंत हैं। उसने कहा कि सरकार किसान आंदोलन की बढ़ती ताकत से डरी हुई है। इसके अलावा उसने दिल्ली की सीमाओं पर विभिन्न प्रदर्शन स्थलों पर इंटरनेट सेवाएं निलंबित करने की भी आलोचना की। 9 घंटे का फुटेज, राकेश टिकैत को बढ़ावा…कुछ यूं हुई किसान आंदोलन खत्म करने की साजिश: वीएम सिंहबयान में कहा गया है, ‘सरकार नहीं चाहती कि प्रदर्शनकारी किसानों को तथ्यों के बारे में पता चले… वह विभिन्न प्रदर्शन स्थलों पर किसान यूनियनों के समन्वित होकर काम करने से डरी हुई है और वह उनके बीच संचार को रोकने के प्रयास कर रही है। यह अलोकतांत्रिक और अवैध है।’ मोर्चे ने ‘प्रदर्शन स्थलों की घेराबंदी करके आम लोगों और मीडिया कर्मियों को सिंघू बॉर्डर पर पहुंचने से रोकने पर भी सवाल उठाए।’ बयान में आरोप लगाया गया, ‘ऐसा भोजन और पानी की आपूर्ति को बाधित करने के लिए भी किया गया है।’ Kisan Andolan : किसानों से एक फोन कॉल की दूरी, MSP पर हाई लेवल कमेटी… मोदी ने चला मास्टरस्ट्रोक, अब क्या करेंगे टिकैतमोर्चे ने दावा किया कि शाहजहांपुर में आंदोलन में हिस्सा लेने वाले महाराष्ट्र के एक प्रदर्शनकारी की रविवार को मौत हो गई। बयान में कहा गया है, ‘शायरा पावरा केवल 21 साल की थी और उसके बलिदान को याद रखा जाएगा।’ मोर्चे ने कहा कि रविवार को सद्भावना दिवस घोषित किया गया है और पूरे देश में इसे मनाया गया है। पंजाब कृषि विश्वविद्यालय के संकाय सदस्यों और छात्रों ने भी किसानों के समर्थन में एक दिन का उपवास रखा।
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