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China has deployed me to crush Baloch movement says Pak general Ayman Bilal
नई दिल्ली। चीन के साथ भारत से तवान के बीच पाकिस्तानी सेना के मेजर जनरल अयमान बिलाल का बड़ा बयान सामने आया है। सबसे बड़ी बात ये है कि क्या बलूच आंदोलन से चीन की टेंशन बढ़ रही है। पाकिस्तानी सेना के मेजर जनरल अयमान बिलाल ने बलूचिस्तान में अपनी तैनाती में चीन की भूमिका और समर्थन को कबूला है। यह बात बांग्लादेशी अखबार डेली सन में कही गई है। मेजर जनरल बिलाल ने कहा, "चीन ने मुझे बलूच आंदोलन को कुचलने के लिए यहां तैनात किया है और मुझे छह महीने का काम दिया है।"
एफएटीएफ का खतरा टल गया, तो हम ईरान पर कार्रवाई करेंगे- बिलाल
पाकिस्तानी सेना के मेजर जनरल अयमान बिलाल ने कहा, “अगर एफएटीएफ का खतरा टल गया, तो हम ईरान के अंदर जाएंगे और कार्रवाई करेंगे। ईरान पाकिस्तान का सबसे बड़ा दुश्मन है, जिसका सीधा हाथ बलूचिस्तान की अस्थिरता में है।” दक्षिणी बलूचिस्तान के नए आईजी एफसी, मेजर जनरल बिलाल ने कहा कि तुर्बत स्थित एफसी के मुख्यालय में स्थानीय एजेंटों और खुफिया एजेंसियों के साथ खास बैठक (जिरगा) की गई। रिपोर्ट के अनुसार, केच जिले में तैनात मेजर जनरल बिलाल ने अपनी तैनाती और सहायता और अन्य महत्वपूर्ण मामलों में चीन की भूमिका को खुले तौर पर स्वीकार किया है।
‘बलूच आंदोलन को ‘कुचलने’ के लिए केवल 6 महीने का समय दिया’
एफसी के इस विशेष ‘जिरगा’ सत्र में रक्षा उत्पादन मामले के संघीय मंत्री जुबेदा जलाल की बहन रहीमा जलाल, पेडरक से कुर्बानी दस्ते के राज्य प्रमुख सरदार अजीज, राज्य कुर्बानी दस्ते के नागौर दश्त व हासिल कोलवाही प्रमुख यासिर बहराम और टंप, मंड, बुलदा, जमुरान, डैश और होशप में पैरोल पर काम कर रहे सशस्त्र समूहों के प्रमुख भी मौजूद थे। मेजर जनरल बिलाल ने ‘जिरगा’ में स्वीकार करते हुए कहा कि चीन ने बलूचिस्तान में उन्हें 30 साल के सेवा अनुभव के आधार पर भारी वेतन पर रखा है और बलूच आंदोलन को ‘कुचलने’ के लिए केवल छह महीने का समय दिया है।
30 वर्षों से बलूचिस्तान में काम करने का व्यापक अनुभव है
उन्होंने कहा कि उनके पास पिछले 30 वर्षों से बलूचिस्तान में काम करने का व्यापक अनुभव है और उन्होंने क्वेटा, सिबी, कोलवा, डेरा बुगती और अवारन में काम किया है। रिपोर्ट के अनुसार, बिलाल ने कहा, “चीन ने मुझे वेतन और बड़ी राशि का भुगतान किया है और मुझे आधिकारिक तौर पर अपने क्षेत्रीय हितों के लिए और सीपीईसी के खिलाफ ईरान की साजिशों को विफल करने के लिए यहां तैनात किया है।”
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