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Updated: Sunday, January 31, 2021, 8:48 [IST]
Farmers protest Update News: संयुक्त किसान मोर्चा (Sanyukt Kisan Morcha) ने दिल्ली में हुई हिंसा और सिंघु बॉर्डर पर मचे हंगामे के बाद कहा है कि सरकार के साथ बातचीत का रास्ता अभी भी खुला है, इसे बंद करने का कोई सवाल ही पैदा नहीं होता है। किसान पिछले 65 दिनों से केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन नए कृषि कानूनों के विरोध में हैं। आंदोलन में शामिल किसान नेताओं ने 30 जनवरी को महात्मा गांधी की पुण्यतिथि पर ‘सद्भावना दिवस’ मनाया और दिल्ली की अलग-अलग सीमाओं पर प्रदर्शन स्थलों पर पूरे दिन का उपवास रखा। इस दौरान संयुक्त किसान मोर्चा के नेता दर्शन पाल ने मीडिया से बात करते हुए कहा, किसान सरकार से बातचीत करने के लिए दिल्ली के दरवाजे तक चले आए हैं, इसलिए हम सरकार से बातचीत का दरवाजा बंद नहीं कर सकते हैं, इसका कोई सवाल ही नहीं उठता है। बता दें कि संयुक्त किसान मोर्चा के नेता दर्शन पाल का ये बयान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के बयान के बाद आया है। पीएम नरेंद्र मोदी ने शनिवार को हुई सर्वदलीय बैठक में कहा है कि किसान यूनियनों के साथ बातचीत के दौरान सरकार द्वारा की गई पेशकश अभी भी कायम है। उसके लिए संपर्क कर बातचीत की जा सकती है। इसके बाद ही किसान मोर्चा ने केंद्र सरकार के साथ बातचीत का रास्ता बंद नहीं करने की बात कही है। संयुक्त किसान मोर्चा ने पुलिस पर किसान आंदोलन को कमजोर और बर्बाद करने के गंभीर आरोप भी लगाए हैं। संयुक्त किसान मोर्चा के नेता दर्शन पाल ने कहा, यह बिल्कुल साफ दिख रहा है कि पुलिस शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों पर हमलों को बढ़ावा दे रही है। उन्होंने कहा, पुलिस और बीजेपी के गुंड़ लगातार हिंसा कर रही है, जो उनके भीतर का डर दिखाते हैं।संयुक्त किसान मोर्चा के मुताबिक तमिलनाडु, कर्नाटक, गुजरात, महाराष्ट्र सहित अन्य राज्यों में भी किसानों ने उपवास रखा। ये भी पढ़ें- अधीर रंजन चौधरी बोले- पीएम मोदी सिर्फ हिन्दुओं के नेता, बताया कौन होगा कांग्रेस का अगला अध्यक्ष
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