नई दिल्लीकोविड महामारी ने पूरे विश्व में लोगों के आने-जाने की प्रक्रिया को जटिल बना दिया है। खासकर एक देश से दूसरे देश जाने की प्रक्रिया और कठिन हो गई है। कुछ ऐसी ही जटिलता का सामना कर रहे हैं अमेरिका में रह रहे भारतीय जिन्हें वहां की नागरिकता मिल चुकी है और अब मूल देश आने के लिए वीजा की जरूरत है।अमेरिका में रहने वाले ऐसे मूल भारतीयों का कहना है कि वहां 90 फीसदी से अधिक वीजा बतौर पर्यटक दी जाती है। ऐसे में अमेरिका की नागरिकता हासिल कर चुके लोंगों को परिवार वालों से मिलने से लेकर स्वास्थ्य और दूसरी जरूरतों के लिए यही टूरिस्ट वीजा दी जाती है। कोविड काल में ऐसी वीजा को सस्पेंड कर देने से कई जरूरी काम प्रभावित हो गए। लोग जरूरी काम के लिए भी नहीं आ पा रहे हैं। इन लोगों ने ऐसे वीजा को कम से कम सीमित स्तर पर ही सही, शुरू करने का आग्रह किया है ताकि जरूरी कामों के लिए वे भारत आ सके।टूरिस्ट वीजा पर रोक लगाने के बाद अगर किसी को भारत आना है तो उसके लिए आपात वीजा का विकल्प रखा गया, लेकिन इसकी प्रक्रिया काफी जटिल कर दी गई है। इमर्जेंसी वीजा मिलने में 7 दिन से 30 तक लग जा रहे हैं जो जरूरत के हिसाब से देर है। वे इस आपात वीजा प्रक्रिया को भी सुलभ बनाने की मांग कर रहे हैं। इसके अलावा कोविड महामारी के बाद 24 घंटे हेल्पलाइन के अभाव के कारण हो रही दिक्कतों को भी उठाया गया है। उनकी शिकायत है कि हेल्पलाइन कभी सबसे मजबूत कड़ी थी मसले को सुलझाने के लिए लेकिन कोविड काल के बाद अब यहां प्रभावी मदद नहीं मिल रही है।अमेरिकी-भारतीय की इस समस्या को सुलझाने के लिए पिछले कुछ महीनों से आवाज उठाने वाले प्रेम भंडारी ने कहा कि जिस तरह की दिक्कतें हो रहीं, उन्हें तत्काल प्राथमिकता के स्तर पर ठीक करने की जरूरत है। इस बारे में इन तमाम जरूरतमंद लोगों की ओर से विदेश मंत्रालय को चिट्ठी भी लिखी गई है।
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