हाइलाइट्स:कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन के खिलाफ 89 प्रतिशत तक प्रभावी वैक्सीन के भारत में जून 2021 तक लॉन्च होने की संभावना सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने नोवावैक्स इंक के साथ साझेदारी में वैक्सीन ट्रायल को शुरू करने के लिए किया है आवेदन अदार पूनावाला ने जताई उम्मीद, जून 2021 तक कोरोना वायरस के लिए एक और वैक्सीन कोवोवैक्स कर सकती है लॉन्चपुणेकोरोना वायरस के नए स्ट्रेन के खिलाफ 89 प्रतिशत तक प्रभावी वैक्सीन के भारत में जून 2021 तक लॉन्च होने की संभावना है। सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) के सीईओ अदार पूनावाला (Adar Poonawalla) ने शनिवार को कहा कि उनकी कंपनी ने भारत में नोवावैक्स इंक (Novavax Inc) के साथ साझेदारी में एक और Covid-19 वैक्सीन के ट्रायल को शुरू करने के लिए आवेदन किया है। उन्होंने उम्मीद जताई कि जून 2021 तक कंपनी कोरोना वायरस के लिए एक और वैक्सीन कोवोवैक्स (Covavax) लॉन्च कर सकती है। दरअसल दवा कंपनी नोवावैक्स इंक ने एक दिन पहले ही कहा था कि Covid-19 का उसका टीका ब्रिटेन में चल रहे एक स्टडी के शुरुआती निष्कर्षों के आधार पर वायरस के नए स्ट्रेन के खिलाफ 89 प्रतिशत प्रभावी पाया गया है। कंपनी ने यह भी दावा किया कि उसका टीका ब्रिटेन और दक्षिण अफ्रीका में फैल रहे वायरस के नए स्ट्रेन के खिलाफ प्रतिरोधक क्षमता विकसित करने के मामले में भी कारगर पाया जा रहा है।जून 2021 तक आ सकती है ‘कोवोवैक्स’पूनावाला ने शनिवार को ट्विटर पर कहा कि ‘नोवावैक्स के साथ कोविड-19 टीके के लिए हमारी साझेदारी ने बहुत ही प्रभावी नतीजे दिए हैं। हमने भारत में परीक्षण शुरू करने के लिए आवेदन किया है। जून 2021 तक ‘कोवोवैक्स’ का उत्पादन शुरू करने की उम्मीद है।’Corona Vaccine Update: एम्स में कोरोना वैक्सीन लगवाने के लिए अब खुद से तय कर सकते हैं तारीखसीरम ने पहले ही बना लिया है ‘कोविडशील्ड’ वैक्सीनसीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) इससे पहले ही ‘कोविडशील्ड’ वैक्सीन का उत्पादन कर रहा है, जिसे ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय और ब्रिटिश-स्वीडिश कंपनी एस्ट्राजेनका ने विकसित किया है। देश में अभी चल रहे टीकाकरण अभियान के लिए केंद्र ने ‘कोविडशील्ड’ टीके की एक करोड़ 10 लाख खुराक खरीदी हैं।कोरोना वैक्सीन को ‘मात’ देने वाले ‘सुपर कोविड स्ट्रेन’ से दहशत16 जनवरी से देश में शुरू है टीकाकरणदेश भर में कोविड-19 के खिलाफ 16 जनवरी को टीकाकरण अभियान शुरू हुआ था और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा था कि इसमें करीब तीन करोड़ स्वास्थ्यकर्मियों और कोविड-19 के खिलाफ अग्रिम मोर्चे पर काम करने वालों को प्राथमिकता दी जाएगी।
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