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26 जनवरी की हिंसा पर पीएम मोदी का पहला बयान, जानें क्या कहा
नई दिल्ली: दिल्ली में 26 जनवरी को हुई हिंसा पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पहला बयान सामने आया है। प्रधानमंत्री ने हिंसा पर कहा है कि 26 जनवरी को हुई हिंसा पर कानून अपना काम करेगा। इस हिंसा पर प्रधानमंत्री की प्रतिक्रिया का काफी समय से इंतजार किया जा रहा था। प्रधानमंत्री मोदी ने यह बयान आज सर्वदलीय बैठक के दौरान दिया है। किसान और दिल्ली पुलिस ने बीच हुई हिंसक झड़प मामले में दिल्ली पुलिस ने अब तक टोटल 38 एफआईआर दर्ज कर ली है वहीं 84 लोगों को अब तक गिरफ्तार किया गया है। हिंसा की घटनाओं में 394 पुलिस कर्मी घायल हो गये थे, जबकि एक प्रदर्शनकारी की मौत हो गई थी। उल्लेखनीय है कि घटना को लेकर 44 लोगों के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया गया है।
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दिल्ली पुलिस ने 26 जनवरी को लाल किले पर हुई हिंसा के सिलसिले में शुक्रवार को 9 किसान नेताओं को जांच में शामिल होने का नोटिस जारी किया था। अधिकारियों ने यह जानकारी दी थी। अधिकारियों के मुताबिक दिल्ली पुलिस की विशेष जांच टीम (एसआईटी) ने किसान नेता राकेश टिकैत, पवन कुमार, राज किशोर सिंह , तजेंदर सिंह विर्क, जितेन्दर सिंह, त्रिलोचन सिंह, गुरमुख सिंह, हरप्रीत सिंह और जगतार सिंह बाजवा को जांच में शामिल होने को कहा है। ये नोटिस उन्हें व्हाट्सऐप के जरिये भेजे गये हैं। पुलिस की एक टीम ने उन तंबुओं का दौरा किया जहां वे ठहरे हुए हैं तथा वहां नोटिस चिपका दिया। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया, ‘‘हमने उनका इंतजार किया और उनके समन्वयकों से संपर्क किया लेकिन कोई जवाब नहीं मिला।’’
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भाकियू ने गाजीपुर बॉर्डर पर प्रदर्शन तेज किया, समर्थन में और किसान जुटे
उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद को दिल्ली से जोड़ने वाले दिल्ली-मेरठ राजमार्ग पर गाजीपुर के पास प्रदर्शन कर रहे किसानों की संख्या शनिवार को और अधिक ग्रामीणों के पहुंचने से बढ़ गई। केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के नेतृत्व में हो रहे प्रदर्शन में बृहस्पतिवार को प्रदर्शनकारियों की संख्या कम हो गई थी लेकिन मुजफ्फरनगर में किसानों की महापंचायत के बाद बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी गाजीपुर बॉर्डर पर प्रदर्शन में शामिल होने पहुंचे हैं। हरियाणा और राजस्थान के जिलों के किसान भी यहां पहुंचे हैं।
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भाकियू के मेरठ क्षेत्र के अध्यक्ष पवन खटाना ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘आंदोलन मजबूत था और अब भी है।’’ भाकियू नेता राकेश टिकैत के साथ प्रदर्शन स्थल पर मौजूद खटाना ने कहा, ‘‘कृषि कानूनों को वापस लेने की किसानों की मांग को लेकर हो रहे ‘शांतपूर्ण प्रदर्शन’ को लगातार समर्थन मिल रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘यह राजनीतिक प्रदर्शन नहीं है। जो भी भाकियू एवं राकेश टिकैत की विचारधारा का समर्थन करता है, उसका स्वागत है लेकिन हमारी अपील है कि जो अंत तक हमारे आंदोलन को समर्थन देने को इच्छुक नहीं हैं, वे इसे बीच में छोड़ने के लिए नहीं आएं।’’
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प्रदर्शन स्थल पर प्रदर्शनकारियों की संख्या के बारे में पूछे जाने पर पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसान नेता ने कहा, ‘‘ किसान आ रहे हैं और एकजुटता प्रकट कर वापस जा रहे हैं। यह स्थिर भीड़ नहीं है।’’ भाकियू पदाधिकारियों का आकलन है कि शुक्रवार रात गाजीपुर प्रदर्शन स्थल पर करीब 10 हजार प्रदर्शनकारी मौजूद थे जबकि गाजियाबाद पुलिस के मुताबिक यह संख्या पांच से छह हजार के बीच थी। प्रदर्शन स्थल पर पीएसी, द्रुत कार्य बल (आरएफ), दंगा रोधी एवं सामान्य पुलिस की भारी तैनाती की गई है। इस बीच, दिल्ली यातायात पुलिस ने कहा है कि राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-24 पर आवाजाही रोक दी गई है।
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