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दुनिया को अमेरिका के नेतृत्व की जरूरत: विदेश मंत्री ब्लिंकन
वाशिंगटन: अमेरिका के नवनियुक्त विदेश मंत्री एंटोनी ब्लिंकन ने बुधवार को कहा कि दुनिया को अमेरिकी नेतृत्व की जरूरत है। इसके साथ ही उन्होंने संकल्प जताया कि बाइडन प्रशासन इसे प्रदान करेगा। विदेश मंत्रालय के कर्मचारियों को संबोधित करते हुए ब्लिंकन ने कहा, ‘‘अमेरिका के पास ताकत के कई स्रोत हैं और हम इस बुनियाद पर इसका निर्माण करेंगे। अमेरिका के मूल्य अनूठे और शक्तिशाली हैं और हम इसमें फिर से भरोसा बहाल करेंगे।’’
उन्होंने कहा, ‘‘दुनिया को अमेरिका के नेतृत्व की जरूरत है और हम इसे प्रदान करेंगे। किसी भी दूसरे देश की तुलना में अमेरिका के पास दूसरों को गोलबंद करने की ज्यादा क्षमता है।’’ राष्ट्रपति जो बाइडन के लंबे समय से सहयोगी रहे ब्लिंकन (58) की विदेश मंत्री पद पर नियुक्ति के लिए सीनेट की मंजूरी मिल गयी है। इसके बाद उन्हें पद की शपथ दिलायी गयी।
ब्लिंकन ने कहा कि हम आगे की चुनौतियों से भली भांति अवगत हैं। समूची दुनिया अमेरिका की तरफ देख रही है। उन्होंने कहा, ‘‘दुनिया जानना चाहती है कि क्या हम अपने राष्ट्र के जख्मों पर मरहम लगा सकते हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘अमेरिका के लोग भी देख रहे हैं। वे देखना चाहते हैं कि हम उनकी हिफाजत करें। हम उनके हितों की सुरक्षा करेंगे। हम ऐसी विदेश नीति अपनाएंगे जिसका फायदा सभी अमेरिकी लोगों को होगा।’’
राजनाथ ने अमेरिका के नये रक्षा मंत्री से बात की
नई दिल्ली: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को अमेरिका के नये रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन से बात की और पारस्परित हित के क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान किया। पिछले सप्ताह जो बाइडन के अमेरिका के 46वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेने के बाद दोनों पक्षों के बीच यह पहली उच्च स्तरीय बातचीत थी। सिंह ने कहा कि वार्ता के दौरान भारत-अमेरिका रक्षा सहयोग को प्रगाढ़ करने के लिए दृढ़ प्रतिबद्धता को दोहराया गया।
रक्षा मंत्री ने ट्वीट किया, ‘‘अपने अमेरिकी समकक्ष रक्षा मंत्री ऑस्टिन से बात की और उनकी नियुक्ति पर उन्हें अपनी हार्दिक शुभकामनाएं दी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हमने भारत-अमेरिका रक्षा सहयोग को प्रगाढ़ करने के लिए दृढ़ प्रतिबद्धता को दोहराया। हमने अपनी सामरिक भागीदारी को मजबूत बनाने के वास्ते पारस्परिक हित के क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान किया।’’ अभी तत्काल यह पता नहीं चल सका है कि भारत और चीन के बीच चल रहे पूर्वी लद्दाख गतिरोध पर वार्ता के दौरान चर्चा हुई है या नहीं।
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