डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। गणतंत्र दिवस के दिन राष्ट्रीय राजधानी में निकाली गई ट्रैक्टर रैली के दौरान हिंसा के बाद बुधवार को दिल्ली पुलिस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान पुलिस कमिश्नर एसएन श्रीवास्तव ने कहा कि कुछ किसान नेताओं ने भड़काऊ भाषण देकर किसानों को उकसाया। इसके बाद किसान बेकाबू हो गए और दिल्ली की सड़कों पर हिंसा फैलाई। कमिश्नर ने कहा, किसान नेताओं के साथ शांतिपूर्ण रैली की शर्त थी। लेकिन, किसानों ने तय रूट की अनदेखी की।पुलिस कमिश्नर ने कहा, किसान नेता सतनाम सिंह पन्नु ने भड़काऊ भाषण दिया तो वहीं दर्शनपाल सिंह ने रूट फॉलो नहीं किया। उन्होंने किसानों को भड़काया। गाजीपुर में किसान नेता राकेश टिकैत के साथ जो किसान मौजूद थे उन्होंने भी हिंसा की घटना को अंजाम दिया और आगे बढ़कर अक्षरधाम गए। हालांकि पुलिस द्वारा कुछ किसानों को वापस भेजा गया लेकिन कुछ किसानों ने पुलिस बैरिकेड तोड़े और लाल किले पहुंचे।श्रीवास्तव ने कहा, हमें 2 जनवरी को ट्रैक्टर रैली की जानकारी मिली थी। जानकारी मिलते ही हमने किसान नेताओं से बात की। हमने 26 जनवरी को परेड नहीं निकालने को कहा, लेकिन वे दिल्ली में रैली निकालने पर अड़े रहे। श्रीवास्तव ने कहा कि शांतिपूर्ण रैली की शर्त थी। लेकिन, किसानों ने तय रूट की अनदेखी की। पुलिस कमिश्नर ने कहा कि हमने किसान नेताओं को KMP का ऑप्शन दिया। उनकी सिक्योरिटी, मेडिकल सब्जी की सुविधा देने का हमने वादा किया था। सबसे पहले बोला गया कि 26 की जगह कोई और तारीख रख लें, लेकिन उन्होंने मना कर दिया। किसान नेताओं ने दिल्ली में ही ट्रैक्टर मार्च निकालने की ठान ली थी। आखिरी मीटिंग में हमने 3 रूट दिए थे।पुलिस कमिश्नर ने कहा, किसानों ने पुलिस बैरिकेड तोड़कर हिंसक घटनाएं की। कुल मिलाकर 394 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं और कुछ पुलिसकर्मी ICU में भी है। उन्होंने कहा, हम दिल्ली में गैर-क़ानूनी तरीके से किए गए आंदोलन और उस दौरान हिंसा और लाल किले पर फहराए गए झंडे को बड़ी गंभीरता से ले रहे हैं। हिंसा करने वालों की वीडियो हमारे पास है, विश्लेषण हो रहा है, पहचान की जा रही है, गिरफ़्तारियां की जाएंगी। उन्होंने कहा, अब तक 25 से ज्यादा मामले दर्ज़ किए गए हैं। कोई भी अपराधी जिसकी पहचान होती है, उसे छोड़ा नहीं जाएगा। जो किसान नेता इसमें शामिल हैं उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
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