नई दिल्लीराष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के किसान संगठन भारतीय किसान संघ ने मांग की है कि 26 जनवरी को किसान रैली के दौरान जो उपद्रव हुआ है उसमें खुद को किसान नेता कहने वालों के खिलाफ भी ऐक्शन लिया जाए। भारतीय किसान संघ के अखिल भारतीय ऑर्गनाइजिंग सेक्रेटरी दिनेश कुलकर्णी ने कहा कि किसान आंदोलन के नाम पर जो उपद्रव हुआ उससे किसानों का नुकसान हुआ है। इसमें जो भी शामिल थे उनके खिलाफ सरकार को सख्त कदम उठाना चाहिए।’इन तथाकथित किसान नेताओं का किसानों से कोई लेना देना नहीं’कुलकर्णी ने एनबीटी से बात करते हुए कहा कि तथाकथित किसान नेताओं के खिलाफ भी ऐक्शन लिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि क्या इन तथाकथित किसान नेताओं को पता नहीं था कि उनके लोग क्या कर रहे हैं, तो किस आधार पर वह उनके नेता होने का दावा कर रहे थे। किसान संघ नेता ने कहा कि हम शुरू से इनका रूख देख रहे थे इसलिए हम 8 दिसंबर के भारत बंद में भी शामिल नहीं हुए। इनका अड़ियल रूख हमें समझ आ रहा था। सरकार ने कानून को डेढ़ साल स्थगित कर कमिटी बनाने और बातचीत करने लिए कहा। इस पर पहले कुछ लोग जो बातचीत के लिए गए थे राजी भी हो गए थे लेकिन जब बातचीत के लिए पहुंचे तो वहां अपना स्टैंड बदल दिया। कुलकर्णी ने कहा कि इन तथाकथित किसान नेताओं का किसानों से कोई लेना देना नहीं हैं। यह लग रहा है कि ये सामने मुखौटे हैं इन्हें चलाने वाला कोई और है।Farmers Protest: दो बड़े संगठनों ने किसान आंदोलन से खुद को किया अलग, कहा- गणतंत्र दिवस की घटना से आहत, दोषियों को सख्त सजा मिले’हम भी चाहते हैं कि किसानों को एमएसपी की गारंटी मिले’उन्होंने कहा कि किसानों की दिक्कतों का हल करने के लिए सरकार आगे आ रही है लेकिन ये तथाकथित किसान नेता इसमें रोड़ा अटका कर सभी किसानों का नुकसान कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमें भी कानून से दिक्कत है हम भी चाहते हैं कि किसानों को एमएसपी की गारंटी मिले और कानून में कई सुधार हों। पर हम अड़ियल रुख नहीं दिखा रहे। अड़ियल रूख किसानों के लिए सही नहीं है। उन्होंने कहा कि जो हुआ उससे किसानों के आंदोलन का नुकसान हुआ है। कुछ लोगों की वजह से किसानों की साख पर सवाल खड़ा हो रहा है जबकि किसानों का इसमें कोई दोष नहीं है। उन्होंने बताया कि हमने जनजागरण अभियान शुरू किया है और लोगों को बता रहे हैं कि किस तरह कुछ लोग जो खुद को किसान नेता कह रहे हैं वह किसानों को नुकसान पहुंचा रहे हैं।
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