इंटरनेट डेस्क। भारत आज अपना 72वां गणतंत्र दिवस मना रहा है। इस बार गणतंत्र दिवस पर मुख्य अतिथि के तौर पर कोई अतिथि शामिल नहीं हुआ है। इसका सबसे बड़ा कारण कोरोना वायरस का नया स्ट्रेन था। ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन को न्योता भेजा गया था, मगर उन्होंने देश में नए स्ट्रेन की वजह से यह दौरा रद्द कर दिया गया। चलिये बोरिस जॉनसन तो नहीं आए लेकिन उन्होंने अपना संदेश जरूर भिजवा दिया। उन्होंने भारत को गणतंत्र दिवस की बधाई दी है।
Today as India celebrates #RepublicDay and the birth of the extraordinary Constitution that established your nation as the biggest sovereign democracy in the world, I want to offer my sincere greetings to a country that is very close to my heart: UK PM Boris Johnson pic.twitter.com/i6YfFXdpf8
— ANI (@ANI) January 26, 2021
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कहा कि आज भारत गणतंत्र दिवस और अपने संविधान का जन्म मना रहा है, जिसने आपके राष्ट्र को दुनिया के सबसे बड़े संप्रभु लोकतंत्र के रूप में स्थापित किया है। मैं ऐसे देश के लिए अपनी शुभकामनाएं देना चाहता हूं जो मेरे दिल के बहुत करीब है। उन्होंने कहा कि कोरोना वैक्सीन मानवता को बचाएगी और दोनों देश इसके लिए मिलकर आगे बढ़ेंगे।
बोरिस ने अपने वीडियो संदेश में कहा कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है। वह आने वाले महीनों में भारत की यात्रा जरूर करेंगे। ब्रिटिश पीएम आगे कहा कि मैं अपने मित्र पीएम नरेंद्र मोदी के बुलावे पर इस अहम अवसर पर शामिल होना चाहता था मगर हमारे एक समान दुश्मन कोरोना से लड़ने के लिए मुझे लंदन में ही रहना पड़ा।
उन्होंने आगे कहा, ‘जैसा कि हमने कहा कि हम दोनों देश कोरोना वैक्सीन के उत्पादन, विकास और उसके वितरण को लेकर काम कर रहे हैं, ताकि दुनिया और मानवता को इस कोरोना महामारी से छुटकारा मिल सके। भारत, ब्रिटेन समेत दुनिया के देशों द्वारा इस उद्देश्य में मदद को मैं धन्यवाद करता हूं। इस साल के आखिर में भारत की यात्रा को लेकर उत्सुक हूं। दोनों देशों के बीच दोस्ती के रिश्तों को मजबूत करने के लिए यह जरूरी होगा।
दरअसल, पिछले पांच दशकों में पहली बार ऐसा हुआ है जब कोई राष्ट्राध्यक्ष 26 जनवरी की परेड देखने नहीं आए । हालांकि, इससे पहले तीन बार ऐसे मौके आए हैं। 1966 में ऐसा हुआ था जब 11 जनवरी को लाल बहादुर शास्त्री के अचानक निधन के बाद 24 जनवरी को इंदिरा गांधी ने प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी। इसके अलावा सन 1952 और 1953 में भी भारतीय गणतंत्र दिवस समारोह में कोई विदेशी प्रतिनिधि शामिल नहीं हुआ था।
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