हाइलाइट्स:किसानों की ट्रैक्टर रैली में टूट गई बनी-बनाई हर व्यवस्था, जमकर हुड़दंगबवाल करते आईटीओ और लाल किला तक पहुंच गए प्रदर्शनकारी किसानलाल किले की प्राचीर से फहराया गया कोई और झंडा, तिरंगा रहा नदारदपिछले दो समय से शांतिपूर्ण ढंग से आंदोलन कर रहे थे किसाननई दिल्लीहर साल स्वतंत्रता दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री लाल किले की प्राचीर से राष्ट्रध्वज फहराते हैं। इस ऐतिहासिक इमारत की उसी प्राचीर पर गणतंत्र दिवस के दिन कोई और झंडा फहर रहा था। वजह यह थी कि कुछ प्रदर्शनकारी किसान सरकार को संदेश देना चाहते थे। ट्रैक्टर रैली में पर्याप्त हुड़दंग मचाने के बाद जब किसानों का जत्था लाल किले पहुंचा तो मानों यहां बवाल चरम पर पहुंच गया। कुछ उपद्रवी लाल किले की प्राचीर पर चढ़ गए। ठीक उसी जगह अपना झंडा फहरा दिया जहां हर साल तिरंगा फहराया जाता है। ये वही जगह है जहां खड़े होकर हर साल प्रधानमंत्री राष्ट्र के नाम संदेश देते हैं। संदेश तो आज भी दिया गया है, मगर यह संदेश किसी लिहाज से ठीक नहीं है। इस ऐतिहासिक स्मारक के कुछ गुंबदों पर भी झंडे लगा दिए।कुछ किसानों की इस हरकत की हो रही आलोचनालाल किले की प्राचीर पर कोई और झंडा फहरता देख लोग हैरान रह गए। कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने ट्वीट किया है, “सबसे दुर्भाग्यपूर्ण। मैंने शुरुआत से किसानों के प्रदर्शन का समर्थन किया है लेकिन मैं अराजकता की अनदेखी नहीं कर सकता। गणतंत्र दिवस के दिन कोई और झंडा नहीं, केवल तिरंगा ही लाल किले पर फहरना चाहिए।” कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्त जयवीर शेरगिल ने भी यही बात कही। बीजेपी नेता रमेश नायडू ने लिखा, “दिल्ली की सीमाओं से शुरू हुई भीड़ ने पुलिस बैरिकेड्स तोड़े, तलवारें लहराईं। यहां तक कि हमारे सुरक्षा बलों के प्रतिरोध के बावजूद लाल किले तक पहुंच गए।”संयुक्त किसान मोर्चा ने हिंसा से किया किनाराकिसान संगठनों के समूह संयुक्त किसान मोर्चा ने बेकाबू हुई ट्रैक्टर रैली में हिंसा से किनारा कर लिया है। नेताओं का कहना है कि जिन किसान संगठनों के लोग हिंसा पर उतर आए हैं और लाल किला परिसर में दाखिल हुए हैं, उनसे उनका कोई लेना-देना नहीं है। ऑल इंडिया किसान सभा के महासचिव हन्नान मौला ने आईएएनएस से कहा कि कुछ संगठनों ने ट्रैक्टर रैली में घुसकर किसानों के आंदोलन को बदनाम करने की कोशिश की है। ऑल इंडिया किसान सभा के पंजाब में जनरल सेक्रेटरी मेजर सिंह पुनावाल ने बताया कि जो लोग लाल किला पहुंचे हैं वे संयुक्त किसान मोर्चा के लोग नहीं हैं। पंजाब के ही किसान नेता और किसान बचाओ मोर्चा के अध्यक्ष कृपा सिंह ने कहा कि उत्पात मचाने वालों से उनका कोई संबंध नहीं है।दिल्ली में घुसने के बाद हिंसक हुए किसान तो अब हाथ जोड़ने लगे योगेंद्र यादवलाठीचार्ज, आंसू गैस के गोलों का लेना पड़ा सहाराहजारों किसान राष्ट्रीय राजधानी में पैदल और ट्रैक्टर पर सवार होकर घुस गए हैं। अर्धसैनिक बलों और दिल्ली पुलिस को उन्हें नियंत्रित करने में खासी मशक्कत करनी पड़ रही है। ट्रैक्टर रैली और प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए पुलिस को आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े और हल्के लाठीचार्ज का सहारा लेना पड़ा। प्रदर्शनकारियों ने तीन राज्यों दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के अधिकारियों और पुलिस के साथ समझौते को दरकिनार कर दिया है।Farmers Break Barricades Video: इंद्रप्रस्थ मेट्रो स्टेशन के पास ट्रैक्टर से टक्कर मार किसानों ने तोड़े बैरिकेड, आगे बढ़ेतय रूट और समय को धता बताकर आगे बढ़ गए किसानट्रैक्टर परेड निकालने के लिए जो रूट और समय तय किए गए थे, किसान उसे दरकिनार कर समय से पहले टीकरी और सिंघु बॉर्डर पर लगे बैरीकेड को तोड़ते हुए राष्ट्रीय राजधानी की सीमा में प्रवेश कर गए। आईटीओ के पास पहुंचे किसानों को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा और आंसू गैस के गोले भी दागे गए। सिंघु बॉर्डर से जो ट्रैक्टर रैली में किसानों की जो टुकड़ी चली थी वह भीतरी रिंग रोड की तरफ बढ़ गई और गाजीपुर बॉर्डर वाली टुकड़ी आईटीओ की तरफ बढ़ गई।लाल किले पर फहराया गया अलग झंडा।
Disclaimer: This post has been auto-published from an agency/news feed without any modifications to the text and has not been reviewed by an editor.
Source link