Photo:PTI रिपोर्ट के मुताबिक, कोविड महामारी के कारण विश्व की अर्थव्यवस्था में पिछले साल 4.3 प्रतिशत की गिरावट देखी गई। इसमें इस साल 4.7 प्रतिशत और अगले वर्ष 5.9 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान व्यक्त किया गया है।
नई दिल्ली| संयुक्त राष्ट्र (यूएन) ने कोरोना की मार से उबर रही भारतीय अर्थव्यवस्था में इस वर्ष उत्साहवर्धक सुधार का भरोसा जताया है। पिछले वर्ष इकॉनमी में 9.6 प्रतिशत की गिरावट देखी गई थी, लेकिन यूएन ने वर्तमान कैंलेडर वर्ष यानि 2021 के दौरान भारतीय अर्थव्यवस्था में 7.3 प्रतिशत बढ़ोतरी की उम्मीद व्यक्त की है।
सोमवार को जारी हुई यूएन की ‘वर्ल्ड इकनॉमिक सिचुएशन ऐंड प्रॉस्पेक्ट्स रिपोर्ट-2021’ में कहा गया है कि हालांकि भारतीय अर्थव्यवस्था को इस संकट से उबारने के प्रयासों के तहत कई वित्तीय एवं मौद्रिक पैकेजों की घोषणा के बावजूद देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में गिरावट दर्ज की गई। कोरोना के कारण कई बार लॉकडाउन और इस महामारी को रोकने के लिए उठाए गए कदम इसकी प्रमुख वजह रहे हैं क्योंकि लॉकडाउन और प्रतिबंधों से उत्पादों की घरेलू खपत कम होती गई। रिपोर्ट में अनुमान व्यक्त किया गया है कि वर्ष 2022 में भारत के सकल घरेलू उत्पाद में 5.9 प्रतिशत की गिरावट आ सकती है। रिपोर्ट में कहा गया है कि पिछले वर्ष केवल चीन की ही एकमात्र ऐसी इकॉनमी थी जिसमें वृद्धि देखी गई। अनुमान व्यक्त किया गया है कि चीनी अर्थव्यवस्था जिसने पिछले वर्ष 2.4 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की थी, वह इस वर्ष बढ़कर 7.2 प्रतिशत हो सकती है। अगले साल इसमें 5.8 प्रतिशत की वृद्धि हो सकती है। रिपोर्ट के मुताबिक, कोविड महामारी के कारण विश्व की अर्थव्यवस्था में पिछले साल 4.3 प्रतिशत की गिरावट देखी गई। इसमें इस साल 4.7 प्रतिशत और अगले वर्ष 5.9 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान व्यक्त किया गया है।
इससे पहले यूएन ने अपनी एक और रिपोर्ट में कहा था कि लंबी अवधि में भारत की अर्थव्यवस्था सबसे अधिक लचीली साबित हो सकती है और भले ही महामारी के बाद आर्थिक विकास दर कम हो जाए, लेकिन बड़े बाजार की मांग के चलते यहां निवेश आता रहेगा। रिपोर्ट में अनुमान जताया गया है कि 2025 तक आईटी और व्यवसाय प्रक्रिया प्रबंधन, डिजिटल संचार सेवाओं और इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण जैसे मुख्य डिजिटल क्षेत्र का आकार दोगुना हो सकता है।
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