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Republic Day 2021
26 जनवरी को हर साल गणतंत्र दिवस धूमधाम से मनाया जाता है। हालांकि कोरोना काल की वजह से इस बार गणतंत्र दिवस समारोह में कुछ बदलाव जरूर किए गए हैं। लेकिन इन बदलावों का लोगों के जोश पर बिल्कुल भी फर्क नहीं पड़ा है। इस बार देश 72वां गणतंत्र दिवस मना रहा है। 26 जनवरी 1950 को आज ही के दिन भारत का संविधान लागू किया गया था। इसके साथ ही भारत के नागरिकों को अधिकार मिले थे। हर साल 26 जनवरी के दिन कुछ खास कार्यक्रमों का आयोजन होता है। जिसमें राष्ट्रपति को 21 तोपों की सलामी भी दी जाती है। आज हम आपको 26 जनवरी से संबंधित 10 खास बातों के बारे में बताते हैं जो देश के हर नागरिक को जरूर पता होनी चाहिए।
Republic Day 2021: कोरोना काल में गणतंत्र दिवस सेलिब्रेट करते वक्त इन 3 बातों का रखें ध्यान
- 26 जनवरी 1950 को सुबह 10 बजकर 18 मिनट पर भारत का संविधान लागू हुआ था।
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देश के पहले राष्ट्रपति डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद थे। 26 जनवरी 1950 को पहले राष्ट्रपति डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद ने 21 तोपों की सलामी के साथ ध्वजारोहण किया था और भारत को पूर्ण गणतंत्र घोषित किया था। तब से हर साल 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाते हैं।
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भारत के राष्ट्रपति को ही देश का प्रथम नागरिक कहा जाता है। हर साल गणतंत्र दिवस में देश का प्रथम नागरिक यानी कि राष्ट्रपति गणतंत्र दिवस के समारोह में हिस्सा लेते हैं और राष्ट्रीय ध्वज को फहराते हैं।
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राष्ट्रगान के दौरान 21 तोपों की सलामी दी जाती है। ये सलामी राष्ट्रगान की शुरुआत से होती है और राष्ट्रगान पूरा होने तक पूरी हो जाती है।
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21 तोपों की ये सलामी भारतीय सेना की सात तोपों द्वारा दी जाती है। इन्हें पौंडर्स भी कहा जाता है। ये तोपें 1941 में बनी थीं। हर तोप से सलामी के दौरान 3 राउंड फायरिंग की जाती है।
26 जनवरी 2021: संविधान के वो 10 अधिकार जो आपको पता होने चाहिए
- पहली गणतंत्र दिवस परेड मेजर ध्यानचंद स्टेडियम में आयोजित हुई थी। उस वक्त इस परेड को 15,000 लोगों ने देखा था।
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पाकिस्तान के गवर्नर जनरल मलिक गुलाम मोहम्मद 1955 में पहली बार हुई राजपथ परेड में बतौर चीफ गेस्ट थे।
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भारत का संविधान दुनिया का सबसे लंबा लिखित संविधान है। यहां तक कि इसे एक दिन में पढ़ना संभव भी नहीं है।
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भारतीय संविधान की एक कॉपी हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं हाथ से लिखित है। ये हाथ से लिखी गई कॉपी संसद की लाइब्रेरी में रखी हुई है।
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बहुत ही कम लोग इस बात को जानते होंगे कि गणतंत्र दिवस परेड में एक ईसाई गीत Abide With Me भी गाया जाता है। कहा जाता है कि ये गीत महात्मा गांधी को बहुत पसंद था।
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