नई दिल्लीकोविड-19 टीकों की प्रभावशीलता पर अफवाहों का सामना कर रहे केंद्र ने राज्यों को इस तरह की भ्रामक सूचना के प्रसार पर अंकुश लगाने के लिए कहा है। केंद्र ने राज्यों को सलाह दी है कि वे गलत सूचना फैलाने वालों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई करें। केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों और केन्द्र शासित प्रदेशों के प्रशासन के साथ मिलकर 16 जनवरी से देश भर में दो टीकों की सहायता से कोविड-19 टीकाकरण अभियान शुरू किया है। केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों को लिखे एक पत्र में इसपर भी जोर दिया कि देश के राष्ट्रीय नियामक प्राधिकरण ने पाया है कि दोनों टीके – सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया का ‘कोविशील्ड’ और भारत बायोटेक लिमिटेड द्वारा निर्मित ‘कोवैक्सीन’ सुरक्षित हैं और रोग प्रतिरोधी क्षमता का निर्माण करते हैं।’राष्ट्रीय नियामक प्राधिकरण ने दोनों टीकों को सुरक्षित पाया’केंद्रीय गृह सचिव ने कहा कि कोविड-19 टीकाकरण पर राष्ट्रीय विशेषज्ञ समूह द्वारा तय की गई प्राथमिकता के अनुसार स्वास्थ्य कर्मियों और अग्रिम मोर्चे में लगे कर्मियों को टीके लगाये जा रहे हैं और बाद में प्राथमिकता समूह 2 और 3 को टीका लगाया जाएगा। पत्र में कहा गया है, “मैं इस बात पर ज़ोर देना चाहूंगा कि देश में राष्ट्रीय नियामक प्राधिकरण ने दोनों टीकों को सुरक्षित और प्रतिरक्षात्मक क्षमता निर्माण करने वाला पाया है। यह रिपोर्ट सामने आयी है कि निराधार और भ्रामक अफवाहें सोशल और अन्य मीडिया पर प्रसारित हो रही हैं, जिनमें इन टीकों की सुरक्षा और प्रभावशीलता के बारे में संदेह पैदा किया जा रहा है।”‘गलत सूचना को रोकने के साथ ही तथ्यात्मक संदेश को तुरंत प्रसारित करें’पत्र में कहा गया है, “विशेष रूप से निहित स्वार्थों से इस तरह की अफवाह फैलाने से आम लोगों के बीच अवांछित संदेह उत्पन्न हो सकता है। इसलिए, टीके की सुरक्षा और रोग प्रतिरक्षा क्षमता से संबंधित सभी प्रकार के निराधार अफवाहों पर रोक लगाने की आवश्यकता है।” भल्ला ने राज्यों और केंद्र-शासित प्रदेशों से आग्रह किया कि वे इस तरह की अफवाहों के प्रसार पर रोक लगाने की कोई उपयुक्त व्यवस्था करें। भल्ला ने मुख्य सचिवों को राज्य सरकार के तहत संबंधित सभी प्राधिकारियों को निर्देश देने के लिए कहा कि वे कोविड-19 टीकों के बारे में ‘गलत सूचना’ को रोकने के साथ ही तथ्यात्मक संदेशों को तुरंत प्रसारित करने के लिए आवश्यक उपाय करें।उन्होंने कहा, “इसके अलावा ऐसी गतिविधियों में लिप्त पाए गए व्यक्ति या संस्था के खिलाफ आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 और भारतीय दंड संहिता, 1860 के प्रासंगिक प्रावधानों के तहत दंडात्मक कार्रवाई की जा सकती है।” सांकेतिक तस्वीर
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