डिजिटल डेस्क ( भोपाल)। 90 के दशक की चर्चित सिंगर्स में से एक कविता कृष्णमूर्ति का आज 63 वां जन्मदिन है। उनका जन्म 25 जनवरी 1958 को दिल्ली में एक तमिल परिवार में हुआ। कविता कृष्णमूर्ति ने कई गाने गाये हैं। कविता अपने गानों की बदौलत आज अपने फैंस के दिलों पर राज कर रही हैं। उनके गाये गाने आज भी इतने मशहूर हैं कि आपको थिरकने पर मजबूर कर देते हैं। कविता कृष्णमूर्ति ने अपना पहला गाना लता मंगेशकर के साथ 1971 में गाया था। बताया जाता है कि 8 साल की उम्र में कविता को लता मंगेशकर के साथ गाने का मौका मिला था। कविता जब आठवीं क्लास में तभी उनको संगीत में पहला गोल्ड मेडल मिला था।सूत्रों के अनुसार, कविता ने एक गायन प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार जीता था तभी से कविता बड़ी होकर मशहूर गायिका बनने का सपना देखने लगी थी। वर्ष 1980 में कविता ने अपना पहला गीत “काहे को ब्याही मांग भरो सजना” गाया। हालांकि, यह गाना बाद में फिल्म से हटा दिया गया था। वहीं, वर्ष 1985 में “प्यार झुकता नहीं” गाने ने उन्हे एक अलग पहचान दिलाई। कविता कृष्णमूर्ति ने अपने कैरियर में 25 हजार से अधिक गाने, 16 से अधिक भाषाओं में गाए हैं।कविता को 2005 में ‘पद्मश्री’ से पुरस्कृत किया गया औऱ उनको चार ‘फिल्मफेयर बेस्ट फीमेल पलेबैक सिंगर अवार्डस’ से सम्मानित किया गया। वहीं, उनके लिए एकोलेड्स में स्टारडस्ट मिलेनियम 2000 अवार्ड्स में “बेस्ट सिंगर ऑफ़ द मिलेनियम” अवार्ड, अंतर्राष्ट्रीय हिट फिल्म देवदास से ‘डोला रे डोला’ के लिए ‘जी सिने अवार्ड’ 2003 शामिल है और वह बॉलीवुड अवार्ड की दो बार प्राप्तकर्ता हैं। इसके अलावा उन्होंने कई हिट सॉन्ग जैसे, ‘तुमझे मिलकार, ना जाने क्यूं’ … ‘हवा हवाई ‘ …और ‘तू ही रे’ …। बता दें कि कविता कृष्णमूर्ति के पिता टीएस कृष्णमूर्ति एजुकेशन मिनिस्ट्री में काम करते थे। कविता की आंटी ने उन्हें सबसे पहले संगीत की शिक्षा दी। इसके बाद उन्होंने प्रोतिम्मा भट्टाचार्य से भी संगीत की शिक्षा हासिल की। बताया जाता है कि कविता बचपन में ही दिल्ली छोड़कर बॉम्बे चली गई थी। वहां उन्होंने सेंट जेवियर कॉलेज से अपनी शुरूआती शिक्षा पूरी की। फिर उन्होंने इसी कॉलेज से अपनी बीए ऑनर्स अर्थशास्त्र में डिग्री हासिल की। कविता अपनी पढ़ाई पूरी कर रही थी तब उन्हें पहली बार साल 1971 में बंगाली फिल्म श्रीमान पृथ्वीराज के लिए लता मंगेशकर के साथ गाना गाने का मौका मिला।
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