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क्या आपको पता हैं कि कहां बनता है देश का तिरंगा? केवल इस कंपनी के पास हैं राष्ट्र ध्वज बनाने का कॉन्ट्रेक्ट
आज देश भर में 72वां गणतंत्र दिवस बहुत ही धूमधाम के साथ मनाया जाएगा। ऐसे में देश के कोने-कोने के साथ राजधानी दिल्ली में राजपथ पर देश की शान बान और आन के प्रतीक के तौर पर राष्ट्रीय ध्वज को फहराया जाएगा। तिरंगे को लेकर हर भारतीय का प्रेम जगजाहिर है। लेकिन क्या आप ये बात जानते हैं कि हमारा राष्ट्रीय ध्वज यानी तिरंगा कहां बनता है, इसे कौन कौन बना सकता है। जानिए इन सभी बातों के बारे में
कहां बनता है राष्ट्रीय ध्वज
देश का आधिकारिक झंडा बनाने का अधिकार सिर्फ एक कंपनी के पास है। यानी सरकारी समारोहों और बड़े कार्यक्रमों में फहराए जाने वाले झंडों को बनाने का कॉन्ट्रेक कर्नाटक खादी ग्रामोद्वोग संयुक्त संघ (फेडरेशन) के पास है। ये खादी व विलेज इंडस्ट्रीज कमीशन द्वारा सर्टिफाइड देश की अकेली ऑथराइज्ड नेशनल राष्ट्रीय ध्वज निर्माता यूनिट है। ये कंपनी हुबली के बेंगेरी इलाके में स्थित है और इसे हुबली यूनिट भी कहा जाता है। कर्नाटक खादी ग्रामोद्वोग संयुक्त संघ की स्थापना नवंबर 1957 में हुई थी। इसने 1982 से खादी बनाना शुरू किया। साल 2005-06 में इसे ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड्स (BIS) से सर्टिफिकेशन मिला और इसने राष्ट्रीय ध्वज बनाना शुरू किया।
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तिरंगा बनाने के चरण
तिरंगा कई चरणों के बाद बनकर तैयार होता है। जिसमें धागा बनाना, कपड़े की बुनाई, ब्लीचिंग व डाइंग, चक्र की छपाई, तीनों पटिृयों की सिलाई, आयरन करना और टॉगलिंग (गुल्ली बांधना) शामिल है। राष्ट्रीय ध्वज की क्वालिटी को BIS चेक करता है। हर सेक्शन पर कुल 18 बार तिरंगे की क्वालिटी चेक की जाती है।
कौन कौन सा तिरंगा झंडा है आधिकारिक
सरकारी मीटिंग्स और कॉन्फ्रेंस आदि में टेबल पर रखा जाने वाले छोटे से झंडे को भी आधिकारिक महत्व प्राप्त है।
संवैधानिक पदों पर बैठे माननीयों की वीवीआईपी कारों के लिए और राष्ट्रपति के वीवीआईपी एयरक्राफ्ट और ट्रेन के लिए भी आधिकारिक झंडा उपयोग होता है।
संसद और मंत्रालयों के कमरों में क्रॉस बार पर दिखने वाले झंडे भी आधिकारिक होते हैं।
सरकारी दफ्तरों और छोटी इमारतों पर लगने वाले झंडों को भी आधिकारिक दर्जा प्राप्त है।
इतना ही नहीं शहीद सैनिकों के पार्थिव शरीर पर ढकने के लिए भी आधिकारिक ध्वज का इस्तेमाल होता है।
परेड करने वाले सैनिकों के गन कैरिएज पर लगा झंडा भी आधिकारिक है।
लाल किले, इंडिया गेट, राष्ट्रीय संग्रहालयों, संसद भवन राष्ट्रपति भवन पर लगने वाले झंडे भी आधिकारिक हैं।
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