Astrology lekhaka-Mohit parashar By मोहित पाराशर |
Updated: Sunday, January 24, 2021, 18:41 [IST]
Saturn was cursed by his wife know mythological story of Shani: ज्योतिष में शनि एक ऐसे ग्रह हैं जिनका जिक्र आते ही लोगों के मन में एक अजीब सा भय पैदा हो जाता है। माना जाता है कि शनि जब किसी से रुष्ट हो जाते हैं तो उसका सब कुछ छीन लेते हैं। ज्योतिष में शनि की दृष्टि को विच्छेदकारक कहा जाता है यानी जिस घर पर उनकी दृष्टि पड़ती है, वह उस घर से जुड़े सुखों का जीवन में अभाव रहता है। हालांकि इसकी वजह खुद उनकी पत्नी का श्राप है।हम यहां इससे जुड़ी पूरी कहानी बता रहे हैं। भगवान कृष्ण की भक्ति में लीन रहते थे शनिदेव दरअसल, इसका वर्णन ब्रह्मपुराण में विस्तार से किया गया है। इसके अनुसार, शनि देव के वयस्क होने पर पिता ने उनका विवाह चित्ररथ की कन्या से करा दिया। लेकिन शनि देव तो भगवान कृष्ण के अनन्य भक्त थे, इसलिए वे उनकी भक्ति में ही लीन रहते थे और उनकी पत्नी भी साध्वी व ईश्वर की आराधना में रहती थीं। …इसलिए पत्नी ने दे दिया शनिदेव को श्राप एक बार पत्नी संतान प्राप्ति की इच्छा से शनि देव के पास गईं, लेकिन वह कृष्ण की भक्ति में डूबे थे। उनके लाख प्रयास के बावजूद शनि देव का ध्यान नहीं टूटा और उनकी पत्नी के प्रयास व्यर्थ चले गए। इससे क्षुब्ध होकर पत्नी ने शनि देव को श्राप दे दिया कि अगर वे अपनी पत्नी को नहीं देख सकते तो उनकी दृष्टि विच्छेदकारक हो जाएगी यानी वह जहां देखेंगे, वहां विनाश जरूर होगा। ज्योतिष में भारी मानी जाती है शनि की दृष्टि ध्यान टूटने के बाद शनि ने अपनी पत्नी को मनाया, जिससे उन्हें भी काफी पश्चाताप हुआ लेकिन होनी को कौन टौल सकता था। शनि तो पहले से ही अंतर्मुखी थे और उसके बाद वह अपना सिर नीचे करके रहने लगे, क्योंकि उनकी कहीं पर दृष्टि पड़ेगी तो कहीं न कहीं विच्छेद अवश्य होगा। इसीलिए वैदिक ज्योतिष में माना जाता है कि कुंडली में शनि की दृष्टि से जिस भाव पर पड़ती है, उससे जुड़े सुख जातक के जीवन में कम हो जाते हैं। यह पढ़ें: Magh Snan 2021: गुरु-पुष्य संयोग में 28 जनवरी से शुरू होगा माघ स्नान
Press24 India की ब्रेकिंग न्यूज़ पाने के लिए . पाएं न्यूज़ अपडेट्स पूरे दिन.
Like & Subscribe to Press24 News
Don’s forget to Share
Disclaimer: This post has been auto-published from an agency/news feed without any modifications to the text and has not been reviewed by an editor.
Source link