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फ्रेक्चर के बावजूद इंजेक्शन लेकर सिडनी टेस्ट में बैटिंग करने के लिए तैयार थे जडेजा
नई दिल्ली। भारत के स्टार आल राउंडर रविंद्र जडेजा ने शनिवार को कहा कि अंगूठे में फ्रेक्चर के बावजूद वह सिडनी में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ ड्रॉ हुए तीसरे टेस्ट के दौरान 10-15 ओवर बल्लेबाजी करने के लिये मानसिक रूप से तैयार थे और उन्होंने इसके लिये दर्दनिवारक इंजेक्शन भी ले लिया था।
जडेजा को सिडनी टेस्ट की पहली पारी में बल्लेबाजी करते हुए अंगूठे में चोट लग गयी थी जिसके बाद वह छह हफ्ते के लिये क्रिकेट से बाहर हो गये। इससे वह पांच फरवरी से इंग्लैंड के खिलाफ शुरू हो रही चार टेस्ट मैचों की सीरीज में नहीं खेल पायेंगे
उन्होंने ‘स्पोर्ट्स टुडे’ से कहा, ‘‘मैं तैयार था, पैड पहन लिये थे। इंजेक्शन भी ले लिया था। मैं सोच रहा था कि मैं कम से कम 10 से 15 ओवर तक बल्लेबाजी करूंगा और मानसिक रूप से योजना बना रहा था कि पारी कैसे खेलूंगा, कौन से शॉट खेलूंगा क्योंकि फ्रेक्चर से दर्द के कारण मेरे लिये सभी तरह के शॉट खेलना संभव नहीं था।’’
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जडेजा ने कहा, ‘‘मैं भी हिसाब लगा रहा था कि तेज गेंदबाजों की गेंदों का सामना कैसे करूंगा, वे मुझे गेंद कहां पिच करेंगे। मैं अपनी भूमिका की योजना बना रहा था कि मैं जब 10-15 ओवर बल्लेबाजी करूंगा तो ऐसा करूंगा।’’ लेकिन जडेजा को बल्लेबाजी के लिये उतरने की जरूरत हीं नहीं पड़ी क्योंकि रविचंद्रन अश्विन और हनुमा विहारी ने पांचवें दिन 256 गेंद का डटकर सामना किया और यादगार ड्रा कराया।
जडेजा ने कहा, ‘‘यहां तक कि मैंने टीम प्रबंधन से भी बात की थी कि मैं सिर्फ तभी बल्लेबाजी करूंगा, अगर भारत उस दहलीज पर पहुंच जाता है, जहां मैच जीता जा सकता है। पुजारा और ऋषभ पंत अच्छी बल्लेबाजी कर रहे थे, उन्होंने साझेदारी बनायी। हमें यह भी महसूस हुआ कि हम मैच जीत सकते थे।’’
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उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन दुर्भाग्य से, पंत आउट हो गया और इसके बाद हालात बदल गये। हमें इसके बाद ड्रा के खेलना पड़ा।’’ जडेजा ने कहा, ‘‘अश्विन और विहारी ने जिस तरह से मैच को बचाने के लिये बल्लेबाजी की, उन्होंने बेहतरीन जज्बा दिखाया। जब टेस्ट क्रिकेट की बात आती है तो हमेशा रन बनाना अहम नहीं होता। ऐसे भी हालात होते हैं जब आपको मैच बचाना होता है। इतने सारे ओवर बल्लेबाजी करके जिस तरह से हमने मैच बचाया, यह टीम का शानदार प्रयास था।’’
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