इंटरनेट डेस्क। मूंगफली को गरीबों का मेवा कहा जाता है। इसे बजट फ्रेंडली बादाम भी आप समझ सकते हैं। दोनों में लगभग बराबर ही पोषक तत्व होते हैं। मूंगफली में यह प्रोटीन, कैलोरीज, विटामिन बी, ई तथा के, आयरन, फोलेट, कैल्शियम, नियासिन और जिंक का अच्छा स्त्रोंत है। मुट्ठी भर मूंगफली दूध, घी और सूखे मेवों की आपूर्ति करती है।
तो आइये जानते हैं आखिर मूंगफली कैसे हमारे शरीर को फायदा पहुंचाती है…
सर्दी में गर्मी का संचार
यह शरीर में गर्मी का संचार करती है, इसलिए इसका सेवन खासतौर पर सर्दियों में किया जाता है। 10 ग्राम कच्ची मूंगफली में एक लीटर दूध के बराबर प्रोटीन होता है। इसमें प्रोटीन की मात्रा 25 प्रतिशत से भी अधिक होती है, जबकि मांस, मछली और अंडों में यह 10 प्रतिशत से अधिक नहीं होती। मूंगफली के तैयार 250 ग्राम मक्खन से 300 ग्राम पनीर, 2 लीटर दूध या फिर 15 अंडों के बराबर ऊर्जा आसानी से मिल सकती है।
अन्य फायदे
- सर्दियों में त्वचा में सूखापन आने पर मूंगफली के थोड़े से तेल में दूध और गुलाब जल मिलाकर मालिश करके स्नान करने से आराम मिलता है। मूंगफली में प्राकृतिक तेल होने से यह हमारे शरीर में वायु संबंधी बीमारियों को कम करती है।
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मूंगफली खाने से रक्त में कोलेस्टॉल का लेवल कम होता है। इसमें मोनोसैचुरेटेड वसा होती है, जिसकी वजह से एक दिन में औसतन 67 ग्राम मूंगफली खाने से कुल -कोलेस्टॉल लेवल में 51 फीसदी की कमी आती है। यही नहीं, इससे कम घनत्व वाले बैड 3. कोलेस्टॉल यानी लिपोप्रोटीन कोलेस्टॉल का लेवल 714 फीसदी कम होता है। मूंगफली हमारी धमनियों के लिए भी अच्छी होती है।
- मूंगफली में फोलेट की अच्छी मात्रा होती है, जो हमारे हार्मोन्स और फर्टिलिटी को बढ़ाता है। गर्भावस्था के दौरान नियमित रूप से मूंगफली खाने वाली महिलाओं के -बच्चों में जन्म दोष (न्यूरल ट्य़ूब में विकार) नहीं होता। गर्भावस्था में साठ ग्राम मूंगफली रोज खाने से गर्भस्थ शिशु की प्रगति में लाभ होता है। नियमित रूप से कच्ची -मूंगफली खाने से दूध पिलाने वाली माताओं का दूध बढ़ता है।
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