हाइलाइट्स:किसान संगठनों ने तीन नए कृषि कानूनों की वापसी की जिद्द ठानी हुई हैसरकार कृषि कानूनों को वापस लेने के मूड में नहीं है, वो संशोधन को तैयार हैइसी रस्साकस्सी में पिछले 10 दौर की बातचीत का कोई ठोस नतीजा नहीं निकल सका हैनई दिल्लीतीन केंद्रीय कृषि कानूनों पर किसान संगठनों और केंद्र सरकार के मंत्रियों के बीच 11वें दौर की बातचीत चल रही है। करीब दो महीने से किसानों और सरकार के बीच जारी गतिरोध को खत्म करने के लिए तीन केंद्रीय मंत्रियों ने किसान समूहों के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत कर रहे हैं। इससे पहले हो चुके 10 चरणों की बातचीत का कोई नतीजा नहीं निकल पाया। पिछले चरण की वार्ता बुधवार को हुई थी, जिसमें केंद्र ने तीनों कानूनों के क्रियान्वयन को 12 से 18 महीने तक निलंबित करने तथा मुद्दों के समाधान के लिए संयुक्त समिति बनाने का प्रस्ताव दिया था। हालांकि बृहस्पतिवार को किसान संघों ने सरकार के प्रस्ताव को ठुकरा दिया और अपनी दो मांगों पर अड़े रहे- पहली तो यह कि तीनों कानूनों को वापस लिया जाए और दूसरी यह कि न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी दी जाए। किसान समूहों ने कहा कि वे प्रदर्शन जारी रखेंगे और गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर रैली भी निकालेंगे। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, रेलवे, वाणिज्य और खाद्य मंत्री पीयूष गोयल तथा वाणिज्य राज्य मंत्री सोम प्रकाश यहां विज्ञान भवन में करीब 41 किसान संघों के प्रतिनिधियों से वार्ता कर रहे हैं। किसान संगठनों और सरकार के बीच बातचीत जारी।
Disclaimer: This post has been auto-published from an agency/news feed without any modifications to the text and has not been reviewed by an editor.
Source link