Varanasi oi-Rahul Goyal |
Updated: Saturday, December 5, 2020, 15:37 [IST]
वाराणसी। भगवान शिव की नगरी काशी को करीब से समझने के लिए देश ही नहीं, बल्कि विदेशों से भी लोग आते हैं। वो यहां रहकर काशी की संस्कृति, विरासत और इतिहास को बारीकी से जानने की कोशिश करते हैं। देश और दुनिया में काशी की बढ़ती लोकप्रियता को देखते हुए काशी हिंदू विश्वविद्यालय ने ‘काशी स्टडी’ पर दो वर्षीय पीजी कोर्स की शुरुआत की है। बीएचयू में शुरू हो रहा है दो साल का पीजी कोर्स ‘काशी स्टडी’, वाराणसी के बारे में पढ़कर लीजिए डिग्री बता दें कि पीजी कोर्स ‘काशी स्टडी’ में चार सेमेस्टर होंगे, जिसमें छात्र काशी की संस्कृति, इतिहास, परम्परा, धार्मिक महत्व, रहन-सहन और काशी की थाती जैसे बनारसी साड़ी, पान, लकड़ी के खिलौने आदि को करीब से जान सकेंगे। तो वहीं, काशी को समझने की हसरत रखने वाले देसी संग विदेशी छात्र प्रवेश ले सकेंगे। विश्ववविद्यालय प्रशासन ने इस नए कोर्स के लिए मंजूरी दे दी है। विश्ववविद्यालय प्रशासन की मंजूरी मिलने के बाद संकाय स्तर पर कमिटी अब इस नए कोर्स के सिलेबस को तैयार कर रही है। संकाय के डीन प्रफेसर कौशल किशोर मिश्र ने बताया कि 30 दिसंबर तक विश्ववविद्यालय प्रशासन की गठित कमिटी इस नए कोर्स की रूपरेखा तैयार कर लेगी। जनवरी में कोर्स के प्रारूप को विश्वविद्यालय की एकेडमिक काउंसिल के समक्ष पेश किया जाएगा। इसके बाद एग्जिक्युटिव काउंसिल इस पर अपनी फाइनल मुहर लगाएगी। कहा कि नई पीढ़ी काशी के महत्व से दूर है। ऐसे में ये कोर्स उन्हें इस ऐतिहासिक शहर की सारी जानकारियां देगा। ये भी पढ़ें:- ऑब्जर्वर बनकर वाराणसी गए IAS अजय कुमार सिंह की हार्ट अटैक से मौत, सीएम ने दी श्रद्धांजलि
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