Image Source : PTI FILE
NCP अध्यक्ष शरद पवार ने किसानों द्वारा उठाए गए मुद्दों के समाधान के लिए वार्ता किये जाने का समर्थन किया।
पणजी: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार ने बुधवार को कहा कि ऐसा लगता है कि दिल्ली के बाहर बेहद सर्द मौसम में नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों के प्रति केंद्र को जरा भी हमदर्दी नहीं है। उन्होंने किसानों द्वारा उठाए गए मुद्दों के समाधान के लिए वार्ता किये जाने का समर्थन किया। केंद्र द्वारा पिछले वर्ष सितंबर में लागू किए गए तीन कृषि कानूनों के खिलाफ करीब दो महीने से चल रहे प्रदर्शनों का समर्थन करते हुए पवार ने कहा कि आंदोलन को नजरंदाज नहीं किया जा सकता है। पणजी में पवार ने कहा, ‘मैं किसानों के आंदोलन का समर्थन करता हूं। उनके द्वारा उठाए गए मुद्दों का हल निकालने के लिए केंद्र सरकार को उनसे बात करनी चाहिए।’
‘किसान इतनी ठंड में सड़कों पर बैठे हैं लेकिन…’
पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री पवार ने कहा, ‘किसान इतनी ठंड में सड़कों पर बैठे हैं लेकिन उनके प्रति केंद्र सरकार के मन में कोई सहानुभूति नजर नहीं आ रही।’ पवार ने कहा कि किसानों के प्रदर्शन को लेकर उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र भी लिखा है। उन्होंने कहा, ‘मैंने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर कहा है कि किसानों को (नए कानूनों को लेकर) कुछ आशंकाएं हैं। इसलिए कृपया उनके साथ बैठकर मुद्दों का हल निकालिए।’ पवार ने कहा कि किसान देश के अन्नदाता हैं, इसलिए उनके मुद्दों को सुनना तथा सुलझाना चाहिए। उन्होंने कहा कि देश के 65 फीसदी लोग कृषि क्षेत्र पर निर्भर हैं और इस तथ्य को नजरंदाज नहीं किया जा सकता है।
किसानों के साथ केंद्र की अगली बैठक 22 जनवरी कोइस बीच केंद्र सरकार ने 3 विवादास्पद कृषि कानूनों को डेढ़ वर्षों तक के लिए निलंबित रखने और गतिरोध समाप्त करने के लिए किसान संगठनों व सरकार के प्रतिनिधियों की एक संयुक्त समिति गठित करने प्रस्ताव रखा लेकिन किसान नेताओं ने इसे तत्काल स्वीकार नहीं किया और कहा कि वे आपसी चर्चा के बाद सरकार के समक्ष अपनी राय रखेंगे। सरकार और लगभग 40 किसान संगठनों के प्रतिनिधियों के बीच 10वें दौर की वार्ता के बाद किसान नेताओं ने कहा कि अगली बैठक 22 जनवरी को तय की गई है। गुरुवार को किसान संगठन अपनी आंतरिक बैठक करेंगे।
Press24 News पर देश-विदेश की ताजा Hindi News और स्पेशल स्टोरी पढ़ते हुए अपने आप को रखिए अप-टू-डेट। Live TV देखने के लिए यहां क्लिक करें। Politics News in Hindi के लिए क्लिक करें भारत सेक्शन
Disclaimer: This post has been auto-published from an agency/news feed without any modifications to the text and has not been reviewed by an editor.
Source link