India oi-Ankur Kumar |
Updated: Saturday, December 5, 2020, 19:55 [IST]
नई दिल्ली। कृषि कानून के विरोध में देश के अलग-अलग हिस्सों से आए किसान दिल्ली में डेरा डाले हुए हैं। बिल को वापस लेने की मांग करते हुए पिछले 9 दिनों से जबरदस्त प्रदर्शन हो रहा हैं। सरकार और किसानों के बीच कई राउंड बात हुई है लेकिन बात बनती नहीं दिख रही। राजधानी स्थित विज्ञान भवन में आज भी किसान और सरकार के बीच बात हुई। इस बीच केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसान नेताओं से अपील की है कि वो आंदोलन में आए बच्चे और बुजुर्गों को घर वापस जाने के लिए कहें। उन्होंने कहा कि आंदोलन में शामिल बच्चे और बुजुर्गों की तबीयत खराब हो सकती है इसलिए किसान नेता उन्हें घर जाने के लिए कहें। किसानों के साथ पांचवें दौर की बातचीत के दौरान केंद्र सरकार ने कहा कि हम अगले दौर की बातचीत के लिए परसो मिल सकते हैं। आपको बता दें कि आज भी किसान-सरकार के बीच बातचीत में कोई हल नहीं निकला है। बातचीत खत्म होने के बाद किसान नेताओं ने कहा कि सरकार ने कहा है कि वे 9 दिसंबर को हमें एक प्रस्ताव भेजेगी। किसान संगठनों में इस पर चर्चा होगी। इसके बाद उसी दिन केंद्र सरकार और किसान नेताओं के बीच छठे दौर की बातचीत होगी। ‘We can meet the day after tomorrow for another round of meeting,’ central government says during the meeting with farmer leaders at Vigyan Bhavan in Delhi https://t.co/Vwob972vb8
— ANI (@ANI) December 5, 2020 उधर किसान नेताओं का कहना है कि हमारे पास एक साल तक खाने-पीने का सामान है। पिछले कुछ दिनों से हम सड़कों पर हैं। अगर सरकार यही चाहती है कि हम सड़क पर रहें तो हमें कोई दिक्कत नहीं है। हम हिंसा का रास्ता अख्तियार नहीं करेंगे। किसान अपनी मांगों को लेकर किसी तरह का समझौता नहीं करना चाहते। किसान नेताओं ने अपनी मांगों को दोहराते हुए कहा कि इन नए कृषि कानूनों को रद्द करने के लिए केन्द्र सरकार संसद का विशेष सत्र बुलाए। उन्होंने कहा कि प्रदर्शनकारी नए कानूनों में संशोधन नहीं चाहते हैं बल्कि वे चाहते हैं कि इन कानूनों को रद्द किया जाए। बैठक खत्म होने के बाद बोले कृषि मंत्री तोमर बैठक समाप्त होने के बाद मीडिया से बातचीत में कृषि मंत्री तोमर ने कहा कि पीएम मोदी सरकार हमेशा किसानों के साथ है। उन्होंने कहा ‘हमने कहा है कि MSP जारी रहेगी। MSP पर किसी भी प्रकार का खतरा और इस पर शंका करना बेबुनियाद है अगर फिर भी किसी के मन में शंका है तो सरकार उसका समाधान करने के लिए पूरी तरह तैयार है।’ उन्होंने कहा APMC राज्य का एक्ट है। राज्य की मंडी को किसी भी तरह से प्रभावित करने का न हमारा इरादा है और न ही कानूनी रूप से वो प्रभावित होती है। इसे और मज़बूत करने के लिए सरकार तैयार है। अगर इस बारे में किसी को कोई गलतफहमी है तो सरकार समाधान के लिए तैयार है।
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