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kisan andolan farmers protest farmer leaders and central government to be held on 9th december
नई दिल्ली। नए कृषि कानूनों के मुद्दे पर 40 किसान संगठनों के प्रतिनिधियों और केंद्र सरकार के बीच विज्ञान भवन में पांचवें दौर की लगभग 5 घंटे चली बातचीत भी बेनतीजा रही। नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन 10वें दिन भी जारी है। 10 दिन से दिल्ली की सीमाओं पर डटे किसान केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ आर-पार की लड़ाई के लिए कमर कस चुके हैं। हालांकि, सरकार ने कानूनों पर संशोधन करने के संकेत दिए हैं लेकिन किसान कानूनों की वापसी पर अड़े हुए हैं।
अब 9 दिसंबर को किसानों और केंद्र सरकार के बीच छठे दौर की बाचतीच दोपहर 12 बजे होगी। बैठक में शामिल सभी की सहमति के आधार पर यह फैसला लिया गया है। नये कृषि कानूनों को लेकर जारी गतिरोध को समाप्त करने के लिए सरकार लगातार किसान नेताओं के साथ वार्ता कर रही है ताकि जल्द से जल्द कोई रास्ता निकाला जाए। आप भी बिंदुवार जानिए किसान नेताओं और सरकार के बीच आज की बैठक में शनिवार को क्या हुआ। किसान कानूनों पर सरकार के साथ हुई बैठक के बाद किसान नेता ने कहा कि सरकार ने तीन दिन का समय मांगा है। 9 दिसंबर को सरकार हमें प्रपोज़ल भेजेगी, उस पर विचार करने के बाद बैठक होगी। 8 तारीख को भारत बंद ज़रूर होगा। ये कानून ज़रूर रद्द होंगे।
अगर सरकार चाहती है कि हम सड़क पर ही रहें, तो हमें कोई समस्या नहीं…
किसान प्रतिनिधियों का कहना है कि वह केवल हां और नहीं में जवाब चाहते हैं। किसान नेता केवल कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग पर अड़े हैं। पंजाब, जालंधर से किसान दिल्ली में कृषि क़ानूनों के खिलाफ विरोध कर रहे किसानों के लिए खाने-पीने की चीजें ले जा रहे हैं। एक किसान प्रदर्शनकारी ने कहा,”कुछ लोग पहले से वहां गए हुए हैं, हम उनके लिए राशन ले जा रहे हैं। जब तक हमारी मांगे नहीं मानी जाएंगी तब तक संघर्ष जारी रहेगा।”
बैठक के दौरान किसान नेताओं ने मौन धारण कर लिया और तख्ती लेकर बैठ गए। सूत्रों से मिली खबर के मुताबिक, सरकार ने किसान नेताओं से साफ तौर पर कह दिया है कि नए कृषि कानूनों को पूरी तरह वापस नहीं लिया जा सकता। हालांकि, सरकार किसानों के सुझावों पर विचार करने, बातचीत करने और संशोधन करने को तैयार है। किसानों और सरकार के बीच बातचीत में केंद्र सरकार ने किसानों की कुछ मांगों पर विचार करने के संकेत दिए हैं।
हम कॉरपोरेट फार्मिंग नहीं चाहते हैं- किसान
बता दें कि, कृषि कानूनों पर केंद्र सरकार के साथ पांचवें दौर की वार्ता में किसानों नेताओं ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि हमारे पास एक साल के लिए सामग्री है। हम पिछले कई दिनों से सड़क पर हैं। अगर सरकार चाहती है कि हम सड़क पर ही रहें, तो हमें कोई समस्या नहीं है। हम हिंसा का रास्ता नहीं अपनाएंगे। इंटेलिजेंस ब्यूरो आपको बताता रहेगा कि हम विरोध स्थल पर क्या कर रहे हैं? हम कॉरपोरेट फार्मिंग नहीं चाहते हैं। इस कानून से सरकार को फायदा होगा, किसानों को नहीं।
सरकार ने बच्चों और बुजुर्गों से घर जाने की अपील की
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बैठक में उपस्थित किसान नेताओं से अनुरोध करते हुए कहा कि मैं आप सभी के माध्यम से धरना स्थलों पर मौजूद वरिष्ठ नागरिकों और बच्चों से घर जाने की अपील करता हूं। बता दें कि, सरकार और प्रदर्शनकारी किसान संगठनों के बीच बातचीत यहां विज्ञान भवन में शनिवार अपराह्न करीब 2.30 बजे शुरू हुई। तोमर समेत तीन केंद्रीय मंत्री इस समय किसान नेताओं के साथ बातचीत में शामिल रहे। रेल, वाणिज्य और खाद्य मंत्री पीयूष गोयल और वाणिज्य राज्य मंत्री सोम प्रकाश भी बैठक में मौजूद रहे। सोम प्रकाश पंजाब से सांसद हैं।
ट्विटर पर चीजों को घुमाया जाता है, मुद्दों को ना भटकाया जाए- दिलजीत दोसांझ
किसानों के समर्थन में दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर पहुंचे पंजाबी अभिनेता दिलजीत दोसांझ ने कहा कि ट्विटर पर चीजों को घुमाया जाता है, मुद्दों को ना भटकाया जाए। मैं हाथ जोड़कर विनती करता हूं, सरकार से भी गुजारिश है कि सरकार हमारे किसान भाइयों की मांगों को मान ले। यहां सब शांतिपूर्ण तरीके से बैठे हैं कोई खून-खराबा नहीं हो रहा है। पूरा देश किसानों के साथ है।
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