हाइलाइट्स:भारत की यात्रा पर पहुंचे थे नेपाली विदेश मंत्रीनेपाल ने द्विपक्षीय बातचीत शुरू करने का किया प्रयासनेपाली विदेश मंत्री ने दो बार कही सीमा मुद्दा सुलझाने की बातनई दिल्लीनेपाल के विदेश मंत्री प्रदीप कुमार ज्ञवाली का भारत दौरा बिना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मुलाकात के ही खत्म हो गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विदेश मंत्री को मिलने का समय नहीं देकर पड़ोसी मुल्क का साफ संदेश दिया है। भारत सरकार का कहना है कि जब तक नेपाल नए नक्शे के बाद पैदा हुए सीमा विवाद को हल नहीं कर लेता है तब तक उससे कोई ठोस बातचीत नहीं होगी। नेपाल ने नए नक्शे में भारतीय क्षेत्र लिम्पियाधुरा, कालापानी और लिपुलेख को अपने हिस्से में दर्शाया है। दरअसल नेपाल चाहता था कि दोनों देशों को बीच द्विपक्षीय संबंध ऐसे आगे बढ़ें जैसे दोनों देशों के बीच कुछ हुआ ही नहीं है।पटरी पर लौट रहे दोनों देशों के संबंधहालांकि भारत नेपाल के साथ विकास, कनेक्टिविटी, ट्रेड व अन्य क्षेत्र में काम कर रहा है लेकिन यह पहले जैसा नहीं है। नेपाली विदेश मंत्री की यात्रा से एक संकेत तो मिला है कि दोनों देशों के रिश्ते फिर से पटरी पर लौट रहे हैं। कोरोना वैक्सीन को लेकर भारत ने नेपाल के साथ सहयोगपूर्ण रुख अपनाया है। अपने भारत दौरे पर नेपाली विदेश मंत्री के पीएम मोदी से मुलाकात नहीं होने पाने का आधिकारिका कारण कोरोना वैक्सीनेशन की लॉन्चिंग कार्यक्रम को बताया गया।जयशंकर और राजनाथ सिंह से की थी मुलाकातनेपाली विदेश मंत्री प्रदीप कुमार ज्ञवाली और जयशंकर के बीच बातचीत में दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों के सभी पहलुओं की समीक्षा की गई और संपर्क, व्यापार एवं ऊर्जा जैसे अहम क्षेत्रों में संबंधों को मजबूत करने के लिए सहयोग की संभावनाओं पर चर्चा की गई। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने नेपाल के विदेश मंत्री के साथ बैठक के बाद कहा था कि भारत-नेपाल संबंधों में असीम संभावनाएं हैं। ज्ञवाली, नेपाल के विदेश सचिव भरत राज पौडयाल के साथ बृहस्पतिवार को तीन दिवसीय भारत यात्रा पर आए थे। ज्ञवाली ने शुक्रवार को भारत के विदेशमंत्री एस जयशंकर के साथ हुई बैठक में द्विपक्षीय संबंधों के संपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की थी।नए नक्शे पर भारत ने दर्ज कराई थी आपत्तिनेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली द्वारा पिछले साल विवादित नया नक्शा प्रकाशित किए जाने के चलते उभरे सीमा विवाद के बाद इस देश के पहले वरिष्ठ नेता थे जिन्होंने भारत का दौरा किया। इस विवादित नक्शे में भारतीय क्षेत्र लिम्पियाधुरा, कालापानी और लिपुलेख को नेपाल का हिस्सा दर्शाया गया था। नेपाल के इस कदम पर भारत ने कड़ी आपत्ति दर्ज कराई थी और उसके दावे को खारिज किया था। इसके बाद से दोनों देशों के संबंध तनावपूर्ण हो गए थे।नेपाल में फिर मचा सियासी बवाल, ओली ने उठाया बड़ा कदमExternal affairs minister S Jaishankar co-chaired the 6th India-Nepal Joint Commission meeting with Nepal foreign minister Pradeep Kumar Gyawali (ANI)
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