Astrology lekhaka-Mohit parashar By मोहित पाराशर |
Updated: Friday, January 15, 2021, 10:04 [IST]
Alcohol and Astrology: शराब या किसी अन्य नशे की लत इंसान के जीवन को बर्बाद कर सकती है। इससे इंसान के न सिर्फ करियर पर असर पड़ता है, बल्कि उसका स्वास्थ्य भी कमजोर होता है। नशे की लत की धीरे-धीरे इंसान का आत्म विश्वास भी कमजोर कर देती है। यूं तो नशे के पीछे लोग कई तरह के बहाने बनाते हैं, लेकिन इसकी एक वजह कुंडली के ग्रहों का प्रभाव भी होता है। नशा और राहु मानव जीवन में जितनी भी बुरी लत होती हैं, उनका कारक राहु है। अगर कुंडली में राहु पहले, दूसरे, सातवें या 12वें भाव में है, तो जातक के नशे का शिकार होने की पूरी संभावना होती है। इसका सबसे ज्यादा प्रभाव दूसरे भाव पर होता है। राहु से जुड़े नशों में धूम्रपान सबसे ऊपर है। चंद्रमा की भूमिका चंद्रमा को मादक पदार्थों और शराब का कारक माना गया है। शराब को सोमरस के नाम से भी पुकारा जाता है, जो चंद्रमा से ही संबंधित है। इसलिए, अगर कुंडली में चंद्रमा पर राहु का प्रभाव हो या दोनों ग्रह साथ में हों तो जातक शराबी हो जाता है। इतना ही नहीं उसके लिए शराब छोड़ना आसान नहीं होता है। नशे की लत के दूसरे योग अगर कुंडली में शुक्र के साथ राहु विराजमान हैं या दोनों ग्रह संबंध बना रहे हों तो भी व्यक्ति शराबी हो सकता है। इस युति में अगर शुक्र नीच का है तो व्यक्ति शराब के साथ दूसरे नशे का आदी भी हो सकता है। अगर इन पर शनि और मंगल का प्रभाव हो तो हालात और भी ज्यादा बिगड़ सकते हैं। हालांकि अगर चंद्र-राहु और शुक्र-राहु की युति पर बृहस्पति की दृष्टि हो तो जातक नशे की लत से आसानी से मुक्ति पा सकता है। यह पढ़ें: Horoscope Prediction:क्या राजनीति में उतरेंगे सौरव गांगुली? उनकी कुंडली देती है ये संकेत
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