इंटरनेट डेस्क। देशभर में आज मकर संक्रांति का पर्व मनाया जा रहा है। कहीं पोंगल के रूप में तो कहीं बिहू के रूप में। मकर संक्रांति पर भगवान सूर्य की उपासन की जाती है। ऐसा कहा जाता है कि सूर्य की उपासना से नवग्रह की कृपा होती है जिससे हमें पूरे वर्ष शांति की अनुभूति होती है। सूर्य भगवान को प्रणाम करते समय इस दिन आप जो तेज़ महसूस करेंगे वो अन्य दिनों की तुलना में अलग होता है। आज हम आपको एक ऐसे मंदिर के बारे में बताएंगे जिसपर भगवान सूर्य की अनुपम कृपा बनी हुई है।
मध्यप्रदेश के खरगौन जिले में नवग्रह मंदिर प्रसिद्ध मंदिरों में से एक है। यहां सूर्य की प्रधानता है। अर्थात सक्रांति वाले दिन यहां मंदिर में सूर्य की किरण सूर्य प्रतिमा तक आ पहुंचती है। ऐसा अन्य दिनों नहीं होता। पुजारियों का कहना है कि अन्य दिनों में सूर्य की किरण सिर्फ मंदिर प्रांगण तक ही आकर रह जाती है। भगवान सूर्य की प्रतिमा तक रोशनी सिर्फ साल में एक बार ही होती है।
मंदिर के गर्भग्रह में भगवान सूर्य की प्रतिमा स्थित है। ऐसे में इस दिन यहां विशेष आयोजन किया जाता है। लोग दूर-दूर से इस इस दिव्य रोशनी को देखने पहुंचते हैं। मंदिर के गर्भग्रह तक सूर्य की रोशनी पहुंचना जो बहुत कम देखने को मिलता है। मंदिर में आपको नवग्रह के दर्शन भी देखने को मिल जाएंगे।
इसके बाद मंदिर में ब्रह्मा, विष्णु स्वरूप के रूप में मां सरस्वती, श्रीराम और पंचमुखी महादेव के दर्शन भी आप कर सकते हैं। फिर गर्भगृह में जाने के लिए जहां 12 सीढ़ियां उतरना पड़ेगा। 12 सीढ़ियां ऊपर चलते ही आपको 12 राशियों के दर्शन होंगे। ये 12 सीढ़ियां ही राशियों के प्रतीक में हैं। सात सीढियां और भी हैं मंदिर में। वो सात वारों को प्रदर्शित करती हैं।
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