डिसक्लेमर:यह आर्टिकल एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड हुआ है। इसे नवभारतटाइम्स.कॉम की टीम ने एडिट नहीं किया है।भाषा | Updated: 13 Jan 2021, 10:36:00 PMनयी दिल्ली, 13 जनवरी (भाषा) तीन विवादास्पद कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसानों के प्रदर्शन के बीच भारतीय बार काउंसिल आफ इंडिया (बीसीआई) ने बुधवार को उनसे अनुरोध किया कि न्यायपालिका का सम्मान करें। बार काउंसिल ने उच्चतम न्यायालय के आदेश को देश की आखिरी उम्मीद बताते हुए किसानों से प्रदर्शन स्थगित करने को कहा। उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को एक ‘असाधारण’ अंतरिम आदेश में तीन नए कृषि कानूनों के अमल पर रोक लगाने के साथ ही प्रदर्शनकारी किसानों की शिकायतों को सुनने और गतिरोध को दूर करने के लिये सिफारिश करने के लिये चार सदस्यीय समिति का भी गठन नयी दिल्ली, 13 जनवरी (भाषा) तीन विवादास्पद कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसानों के प्रदर्शन के बीच भारतीय बार काउंसिल आफ इंडिया (बीसीआई) ने बुधवार को उनसे अनुरोध किया कि न्यायपालिका का सम्मान करें। बार काउंसिल ने उच्चतम न्यायालय के आदेश को देश की आखिरी उम्मीद बताते हुए किसानों से प्रदर्शन स्थगित करने को कहा। उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को एक ‘असाधारण’ अंतरिम आदेश में तीन नए कृषि कानूनों के अमल पर रोक लगाने के साथ ही प्रदर्शनकारी किसानों की शिकायतों को सुनने और गतिरोध को दूर करने के लिये सिफारिश करने के लिये चार सदस्यीय समिति का भी गठन किया। किसान संगठनों ने हालांकि स्पष्ट किया था कि वे प्रदर्शन वापस नहीं लेंगे। देश के शीर्ष विधिज्ञ निकाय बीसीआई ने किसानों से प्रदर्शन स्थगित करने का अनुरोध किया क्योंकि उच्चतम न्यायालय ने तीनों कानूनों के अमल पर रोक लगा दी है। बीसीआई के अध्यक्ष मनन कुमार मिश्रा ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा, “देश के बुद्धिमान नागरिकों को किसान आंदोलन के संदर्भ में उच्चतम न्यायालय के आदेश की सराहना करनी चाहिए। हमारे उच्चतम न्यायालय द्वारा उठाया गया कदम ऐतिहासिक और देशहित में है।” उन्होंने कहा, “उच्चतम न्यायालय के आदेश का पहला लक्ष्य प्रदर्शनकारी किसानों, बुजुर्ग लोगों, महिलाओं और बच्चों की जिंदगी मुश्किल मौसम और कोविड से बचाना है।” विज्ञप्ति में कहा गया, “किसानों द्वारा जिन तीन कानूनों का विरोध किया जा रहा है उच्चतम न्यायालय ने उनके अमल और संचालन पर रोक लगा दी है और अब किसानों को भी अपना प्रदर्शन स्थगित करना चाहिए।” इसमें कहा गया, “कुछ राजनेताओं द्वारा उच्चतम न्यायालय के खिलाफ की गई गैर जिम्मेदाराना टिप्पणी बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है, किसी भी संवेदनशील राजनेता से ऐसी निराधार टिप्पणियों की उम्मीद नहीं की जाती है।” Navbharat Times News App: देश-दुनिया की खबरें, आपके शहर का हाल, एजुकेशन और बिज़नेस अपडेट्स, फिल्म और खेल की दुनिया की हलचल, वायरल न्यूज़ और धर्म-कर्म… पाएँ हिंदी की ताज़ा खबरें डाउनलोड करें NBT ऐपलेटेस्ट न्यूज़ से अपडेट रहने के लिए NBT फेसबुक पेज लाइक करें प्रदूषित नदियां: प्रदूषण मुक्त जल मौलिक अधिकार, राज्य इसे सुनिश्चित करने के लिये बाध्य हैं: न्यायालय अगला लेख
Disclaimer: This post has been auto-published from an agency/news feed without any modifications to the text and has not been reviewed by an editor.
Source link