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Updated: Friday, December 4, 2020, 16:53 [IST]
Mundan Ceremony Muhurat 2021: हिंदू धर्म के सोलह संस्कारों में मुंडन एक महत्वपूर्ण संस्कार होता है। इसे चौलकर्म भी कहा जाता है। मुंडन संस्कार बच्चे के जन्म से विषम वर्षो में किया जाता है। यह जन्म से तीसरे, पांचवें या सातवें वर्ष में आवश्यक रूप से कर लिया जाना चाहिए। हिंदू धर्म में गर्भ के बाल रखने की परंपरा नहीं है, इसलिए मुंडन संस्कार के माध्यम से ये बाल उतार दिए जाते हैं। इसके पीछे उद्देश्य बच्चे को बुरी शक्तियों, टोने-टोटके, बुरी नजर से बचाना होता है। इसलिए मुंडन जैसे महत्वपूर्ण संस्कार के लिए मुहूर्त देखा जाना अत्यंत आवश्यक है। इसके लिए प्रतिपदा, चतुर्थी, षष्ठी, अष्टमी, नवमी, द्वादशी, चतुर्दशी, अमावस्या और पूर्णिमा तिथि को छोड़कर अन्य तिथियों में मुंडन किया जा सकता है। ये हैं श्रेष्ठ मुहूर्त 5 मई बुधवार, वैशाख कृष्ण 9, शतभिषा नक्षत्र, कुंभस्थ चंद्र, दोपहर 1 के बाद 9 मई रविवार, वैशाख कृष्ण 13, रेवती-अभिजित, केवल ब्राह्मण बालक के लिए 14 मई शुक्रवार, वैशाख शुक्ल 3, अक्षय तृतीया, मृगशिरा, वृषभस्थ चंद्र 22 मई शनिवार, वैशाख शुक्ल 10, हस्त, केवल वैश्य बालक के लिए 23 मई रविवार, वैशाख शुक्ल 11-12, हस्त-चित्रा, कन्यास्थ चंद्र 24 मई सोमवार, वैशाख शुक्ल 13, स्वाति, तुलास्थ चंद्र 5 जून शनिवार, ज्येष्ठ कृष्ण 11, रेवती, मीनस्थ चंद्र 6 जून रविवार, ज्येष्ठ कृष्ण 11, अश्विनी, मेषस्थ चंद्र 13 जून रविवार, ज्येष्ठ शुक्ल 3, पुनर्वसु, मिथुन व कर्कस्थ चंद्र 20 जून रविवार, ज्येष्ठ शुक्ल 10, चित्रा, तुलास्थ चंद्र यह पढ़ें: Vivah Muhurat 2021: अप्रैल से शुरू होंगे शुभ-विवाह मुहूर्त, 37 दिन बजेगी शहनाई
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